Nobel Prize in Literature: तंजानिया के उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुरनाह को 2021 का साहित्य नोबेल पुरस्कार मिला है. उन्हें उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों व महाद्वीपों के बीच की खाई में शरणार्थियों की स्थिति के करुणामय चित्रण को लेकर ये सम्मान मिला है. उन्होंने अपने उपन्यासों में शरणार्थियों का मार्मिक वर्णन किया है.
अब्दुलरजाक का जन्म 1948 में हुआ. वे हिंद महासागर के जांजीबार द्वीप पर पले-बढ़े. 1960 के दशक में अब्दुलरजाक शरणार्थी के तौर पर इंग्लैंड पहुंचे. कुछ समय पहले तक वे केंट यूनिवर्सिटी कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर थे. उन्होंने 10 उपन्यास और कई शॉर्ट स्टोरी लिखीं.
21 साल की उम्र में लिखना शुरू किया
उन्होंने शरणार्थी अनुभव का काफी मार्मिक तरीके से वर्णन किया है. उन्होंने 21 वर्ष की उम्र से लिखना शुरू किया था. हालांकि, शुरुआत में वे स्वाहिली भाषा में लिखते थे. बाद में उन्होंने अंग्रेजी को अपनी भाषा बनाया. उन्होंने अपने उपन्यासों में पहचान और आत्म-छवि पर फोकस किया.
अब तक 117 लोगों को मिल चुका साहित्य में नोबेल
साहित्य में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश अकादमी, स्टॉकहोम स्वीडन द्वारा दिया जाता है. अब तक 117 लोगों को साहित्य में नोबेल दिया जा चुका है. इसमें से 16 महिलाएं हैं. 2020 में साहित्य के लिए अमरीकी कवयित्री लुईस ग्लिक को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.