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'अब लेंगे और आक्रामक एक्शन...', अमेरिका-दक्षिण कोरिया सुरक्षा वार्ता पर भड़का उत्तर कोरिया

अमेरिका और दक्षिण कोरिया की बढ़ती सैन्य साझेदारी पर उत्तर कोरिया खुलकर नाराजगी जता रहा है. मिसाइल परीक्षण के एक दिन बाद प्योंगयांग ने अब खुले शब्दों में चेतावनी दी है कि वो दुश्मनों के खिलाफ और ज्यादा ‘आक्रामक कदम’ उठाने को तैयार है.

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उत्तर कोरिया में किम जोंग उन शासक हैं. (File Photo: AP)
उत्तर कोरिया में किम जोंग उन शासक हैं. (File Photo: AP)

उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हुई सुरक्षा वार्ता और साउथ कोरियन पोर्ट बुसान में अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर की एंट्री पर सख्त आपत्ति जताई है. शनिवार को उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल ने कहा है कि प्योंगयांग अब और अधिक आक्रामक कार्रवाई करेगा. यह बयान उस बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के ठीक एक दिन बाद आया है, जो उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट पर किया था.

दरअसल, अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा साझेदारी पर उत्तर कोरिया का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. उत्तर कोरिया ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ सियोल में हुई सुरक्षा वार्ता और दक्षिण कोरिया के बुसान पोर्ट पर अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर की मौजूदगी की आलोचना की. नो क्वांग चोल ने कहा कि प्योंगयांग अमेरिकी सैन्य मौजूदगी और सुरक्षा सहयोग को क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाला कदम मानता है, खासकर जब अमेरिकी परमाणु-संचालित एयरक्राफ्ट कैरियर जॉर्ज वॉशिंगटन इस हफ्ते दक्षिण कोरिया के बुसान बंदरगाह पर पहुंचा है.

उत्तर कोरिया ने एक दिन पहले ही अपनी सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पूर्वी तट रेखा की ओर समुद्र में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. यह मिसाइल टेस्ट तब हुआ जब उत्तर कोरिया ने गुरुवार को अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों की आलोचना की थी. अमेरिका ने उन उत्तर कोरियाई व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए थे, जिन पर साइबर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क में शामिल होने का आरोप है.

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शनिवार को दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने भी इस मिसाइल लॉन्च की कड़ी आलोचना की और कहा कि उत्तर का यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है. मंत्रालय ने उत्तर कोरिया द्वारा अमेरिका-दक्षिण कोरिया बैठक की आलोचना को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

नो क्वांग चोल ने हाल में अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रियों की कोरियाई सीमा क्षेत्र की यात्रा पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों देश मिलकर उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य रोकथाम बढ़ाने और अपने पारंपरिक एवं परमाणु हथियारों को एकीकृत करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह डीपीआरके (Democratic People’s Republic of Korea) के खिलाफ उनकी शत्रुतापूर्ण प्रकृति का खुला और स्पष्ट इरादा है.

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका-दक्षिण कोरिया गठबंधन का मुख्य फोकस उत्तर कोरिया को रोकना रहेगा, हालांकि वॉशिंगटन क्षेत्रीय खतरों के अनुसार दक्षिण कोरिया में तैनात अपने सैनिकों की तैनाती में लचीलापन भी देख रहा है.

नो ने यह भी कहा कि अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर जॉर्ज वॉशिंगटन की बुसान में एंट्री और हाल ही में हुए अमेरिका-दक्षिण कोरिया संयुक्त हवाई अभ्यासों ने स्थिति को और ज्यादा भड़का दिया है. उन्होंने चेतावनी दी, हम दुश्मनों की धमकियों के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति की रक्षा के सिद्धांत पर और अधिक आक्रामक कार्रवाई दिखाएंगे.

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इधर, दक्षिण कोरिया की नौसेना ने कहा कि कैरियर का दौरा केवल रसद आपूर्ति और क्रू को छुट्टी देने के लिए है. इसी बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान एक बार फिर यह इच्छा जताई थी कि वह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से फिर बातचीत करना चाहते हैं. हालांकि मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन ट्रंप ने यह भी कहा कि वह क्षेत्र में जल्द ही लौटकर किम से मिलने के लिए तैयार हैं.

पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी हिस्से में क्रूज मिसाइलों का भी परीक्षण किया था, ठीक उस समय जब ट्रंप और अन्य वैश्विक नेता दक्षिण कोरिया में क्षेत्रीय बैठकों के लिए जुट रहे थे.

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