उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को लॉन्च कर अमेरिका और साउथ कोरिया को चेतावनी दी है. ये मिसाइल जापान के पश्चिमी तट से दूर समुद्र में लॉन्च की गई है. राष्ट्रपति किम जोंग उन ने शनिवार सुबह 8 बजे अचानक लॉन्चिंग ड्रिल का आदेश दिया, जिसके बाद Hwasong-15 मिसाइल दागी गई.
उत्तर कोरिया की न्यूज एजेंसी KCNA ने कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के खिलाफ रणनीति बनाने वालों के विरोध की क्षमता का वास्तविक प्रमाण है. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका पर भड़क गईं. उन्होंने यूएस पर प्योंगयोंग के खिलाफ शत्रुतापूर्ण नीति का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "मैं चेतावनी देती हूं कि हम दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेंगे और उसके हर शत्रुतापूर्ण कदम के खिलाफ उसके अनुरूप शक्तिशाली और भारी जवाबी कार्रवाई करेंगे." उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरे को देखते हुए अमेरिका और साउथ कोरिया ने वार्षिक सैन्य अभ्यास शुरू करने की घोषणा की थी. उससे पहले ही शनिवार को किम जोंग ने मिसाइल परीक्षण का आदेश दिया.
न्यूज एजेंसी ने कहा कि मिसाइल ने 4015 सेकंड में 989 किी की उड़ान भरी. बता दें कि Hwasong-15 का पहला परीक्षण साल 2017 में किया गया था. KCNA ने कहा कि मिसाइल लॉन्चिंग जनरल ब्यूरो द्वारा निर्देशित इमरजेंसी फायर पॉवर कम्बेट स्टैंडबाय ऑर्डर पर की गई थी. इसके लिए किम जोंग उन ने लिखित आदेश जारी किया था. अमेरिका के मिसाइल स्पेशलिस्ट अंकित पांडा ने कहा कि महत्वपूर्ण बात ये है कि अभ्यास में शामिल चालक दल को चेतावनी दिए बिना अभ्यास का आदेश दिया गया था.
उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ पार्टी ने ICBM की वास्तविक युद्ध क्षमता की सराहना की जोकि परिवर्तनशील और शक्तिशाली जवाबी हमले के लिए तैयार है. विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया संभावित नई ठोस-ईंधन वाली मिसाइल सहित और अधिक हथियारों का परीक्षण कर सकता है, जो युद्ध की स्थिति में उत्तर कोरिया को अपनी मिसाइलों को तेजी से तैनात करने में मदद कर सकता है.
उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत प्रतिबंधित हैं, लेकिन प्योंगयांग का कहना है कि वाशिंगटन और उसके सहयोगियों द्वारा "शत्रुतापूर्ण नीतियों" का मुकाबला करने के लिए इसका हथियार विकास आवश्यक है.