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नेपाल में सड़कों पर उतरे Gen-Z, सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ गुस्सा... पढ़ें 10 बड़े अपडेट्स

नेपाल सरकार ने उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया है, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन के लिए दी गई सात दिन की समयसीमा का पालन नहीं किया. इसके लिए सरकार ने नेपाल टेलीकॉम को इन प्लेटफॉर्म्स को डी-एक्टिवेट करने के लिए पत्र भेजा था.

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नेपाल की ओली सरकार के खिलाफ Gen-Z का प्रदर्शन (Photo: X)
नेपाल की ओली सरकार के खिलाफ Gen-Z का प्रदर्शन (Photo: X)

नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर आज जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. हजारों की संख्या में Gen-Z लड़के और लड़कियां सड़कों पर उतर आए हैं. प्रदर्शनकारी नेपाल के संसद परिसर में घुस गए. इसे देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की. 

ये प्रदर्शनकारी नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इसके मद्देनजर काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. 

इस घटना से जुड़ी पल-पल की अपडेट यहां पढ़ें:-

- नेपाल में सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन में मौत का आंकड़ा बढ़कर 16 पहुंच चुका है. घायलों की संख्या भी 100 के पार पहुंच गई है.

- नेपाल में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए झड़प में लगातार मौत के आंकड़े में इजाफा हो रहा है. अब मौत का आंकड़ा 9 पहुंच चुका है. 

- नेपाल प्रोटेस्ट में अब तक छह लोगों की मौत की खबर है. नेशनल ट्रॉमा सेंटर में चार जबकि सिविल हॉस्पिटल में दो लोगों की मौत हुई है. 

- संसद भवन के बाहर गोलीबारी जारी है. अब तक 35 प्रदर्शनकारी गोली लगने से घायल हो गए हैं. पोखरा और इटहरी में भी गोली चलने की खबर है. पोखरा में गंडकी प्रदेश के मुख्यमंत्री के दफ्तर पर भी पथराव हुआ है. 

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- Gen-Z प्रोटेस्ट में अब तक पांच लोगों की मौत की खबर है. कहा जा रहा है कि 80 प्रदर्शनकारी गोली लगने से घायल हुए हैं.

- काठमांडू प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वाले को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए हैं. पुलिस ने जिस इमारत से गोली चलाई थी, उसमें तोड़फोड़ की गई है.

- प्रदर्शनकारियों ने संसद की इमारत के गेट नंबर 2 के पास आग लगा दी है और आग की लपटें तेजी से बढ़ रही हैं. आग अभी बुझाई नहीं जा सकी है. 

- काठमांडू में Gen-Z प्रोटेस्ट के उग्र होने के बाद नेपाली सेना की तैनाती के आदेश दिए गए हैं.

- नेपाल सरकार ने मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए इमरजेंसी सुरक्षा बैठक बुलाई है. पुलिस ने रात 10 बजे तक के लिए काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया है. 

यह भी पढ़ें: नेपाल में Gen-Z विद्रोह की देखें तस्वीरें... इंस्टा-वॉट्सऐप पर बैन लगाया तो संसद में घुसे युवा, कर्फ्यू लगाना पड़ा!

- काठमांडू में कर्फ्यू का आदेश जारी कर दिया गया है. इसके तहत चार जिलों में किसी के भी प्रवेश या निकास, किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, प्रदर्शन, सभा, बैठक या घेराबंदी करने पर प्रतिबंध है.

- इस प्रोटेस्ट में एक शख्स की मौत हो गई जबकि 80 घायल हो गए.

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- नेपाल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत-नेपाल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि SSB ने भारत नेपाल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है. भारत-नेपाल बॉर्डर की सुरक्षा में SSB तैनात है. SSB ने सुरक्षाकर्मियों और सर्विलांस बढ़ा दिया है. 

- यह प्रोटेस्ट लगातार उग्र होता जा रहा है. दमाक में पुलिस फायरिंग में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं. घायलों को अस्पताल ले जाया गया है.

- प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हो रही है. प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.

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प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ काठमांडू के विभिन्न शहरों में यह Gen-Z रिवोल्यूशन शुरू हुआ है. इस दौरान प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुए गए. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. देश की नई युवा पीढ़ी के द्वारा सरकार के द्वारा सोशल मीडिया बैन किए जाने से लेकर भ्रष्टाचार तक के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. 

इस प्रदर्शन में हजारों युवा सड़क पर यात्रा सरकार के खिलाफ नाराबाजी करते दिखाई दे रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान सरकार ने घंटों तक फोन और इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी थी. 

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काठमांडू के मेयर ने युवाओं के इस प्रोटेस्ट को अपना समर्थन पहले ही दे दिया है. वहीं, प्रधानमंत्री ओली का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि युवाओं को ये पता होगा कि कानून का उल्लंघन करने का क्या खामियाजा भुगतना पड़ता है. 

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नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर क्यों लगाया बैन?

नेपाल सरकार ने चार सितंबर को फेसबुक, X, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था. सरकार ने 2024 में एक नया कानून लागू किया था, जिसके तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को नेपाल में ऑपरेशन के लिए स्थानीय कार्यालय स्थापित करना जरूरी है और टैक्सपेयर के रूप में पंजीकरण करना अनिवार्य था.

इस नियम का पालन नहीं करने पर सरकार ने यह कदम उठाया है. इसके पीछे सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया पर अनियंत्रित कंटेंट जैसे फर्जी खबरें, उकसाने वाले कंटेंट और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए यह जरूरी था. हालांकि, इस फैसले की व्यापक आलोचना हुई है क्योंकि इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है. कई लोगों का मानना है कि यह प्रतिबंध राजतंत्र समर्थकों के प्रदर्शनों और सरकार विरोधी भावनाओं को दबाने का प्रयास हो सकता है, जो हाल के महीनों में बढ़े हैं.

नेपाल सरकार के द्वारा फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप और यूट्यूब जैसे 26 सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने से नाराज युवाओं ने आठ सितंबर से Gen-Z रिवोल्यूशन के नाम से प्रदर्शन शुरू किया है.

बता दें कि प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने चार सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था.

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सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर लगा ये बैन तभी हटेगा, जब ये कंपनियां नेपाल में अपना ऑफिस खोल लें, सरकार के समक्ष पंजीकरण कराएं और गड़बड़ी रोकने के लिए सिस्टम बनाएं. नेपाल में अब तक सिर्फ टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव ने ही कंपनी रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराया है. 

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