दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद नीति के खिलाफ लड़ने वाले तथा पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को फेफड़े में फिर से संक्रमण के कारण शनिवार को अस्पताल में भर्ती किया गया. राष्ट्रपति कार्यालय ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि उनकी हालत गंभीर, लेकिन स्थिर बनी हुई है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक वक्तव्य के हवाले से कहा है, 'पिछले कुछ दिनों से मंडेला के फेफड़े में फिर से संक्रमण हो गया है.'
वक्तव्य में राष्ट्रपति कार्यालय ने आगे कहा है, 'शनिवार तड़के लगभग 1.30 बजे उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें प्रीटोरिया के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.'
बयान में आगे कहा गया है, 'उनकी हालत गंभीर, लेकिन स्थिर बनी हुई है और उन्हें स्वस्थ करने के लिए चिकित्सक हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.'
समाचार चैनल 'स्काई न्यूज' ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता मैक महाराज के हवाले से कहा है कि मंडेला होश में हैं और अपने से सांस ले रहे हैं.
इस वर्ष 94 वर्षीय मंडेला तीसरी बार अस्पताल में भर्ती हुए हैं. इससे पहले मार्च में नीमोनिया हो जाने के कारण मंडेला को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था.
दक्षिण अफ्रीका से रंगभेद नीति के 1994 में खत्म होने से पहले मंडेला अपने 27 वर्ष के कारावास के दौरान टीबी रोग से ग्रस्त हो गए थे. वर्तमान समय में उनके फेफड़े में होने वाला संक्रमण टीबी की बीमारी के कारण ही है. मंडेला 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे.
मैक महाराज ने बताया कि मंडेला को विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है. उन्होंने कहा कि मंडेला को राहत देने के लिए चिकित्सक हरसंभव प्रयास कर रहे हैं और उनके परिवार का कम से कम एक निकटवर्ती सदस्य हमेशा अस्पताल में मौजूद है.
महाराज ने कहा, 'राष्ट्रपति जैकब जुमा ने सरकार तथा देश की ओर से मंडेला के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है और मीडिया तथा जनता से मंडेला के परिवार की निजता का खयाल रखने के लिए कहा है.' एक वक्तव्य में जुमा ने कहा है कि मंडेला आज भी दक्षिण अफ्रीका के लिए आशा और मेल-मिलाप के प्रतीक हैं.