भारत एक तरफ जहां मालदीव के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दे रहा है, तो वहीं चीन समर्थित मुइज्जू के राष्ट्रपति चुनने के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है. अब मालदीव ने आरोप लगाया है कि भारतीय तटरक्षक बल ने उसकी समुद्री सीमा में घुसकर मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर छापेमारी की और मछुआरों से पूछताछ की. ये घटना ऐसे समय में घटी है जब शुक्रवार को मुइज्जू सरकार ने कहा था की मालदीव में मौजूद सभी भारतीय सैनिक 10 मई 2024 तक रिप्लेस हो जाएंगे.
इस घटना को लेकर मालदीव की सरकार ने औपचारिक रूप से भारत सरकार से “विस्तृत विवरण” प्रदान करने का अनुरोध किया है. मालदीव का आरोप है कि भारतीय तटरक्षक बल के कर्मी कथित तौर पर उसके देश के आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर घुस गए थे और यहां संचालित तीन मछली पकड़ने वाले जहाजों पर सवार हो गए थे. मालदीव के आरोपों पर भारत सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं.
यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद में सबसे नया है. दरअसल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में मालदीव में सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के आपसी संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है.
इंडियन कोस्टगार्ड के सैनिकों ने नौकाओं पर की रेड- मालदीव
मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में दावा किया कि 31 जनवरी को, भारतीय कोस्टगार्ड के सैनिकों ने मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर मछली पकड़ने वाली मालदीव की एक नौका को रोक लिया था. यह क्षेत्र धिद्धो, हा अलीफू एटोल से 72 समुद्री मील उत्तर पूर्व में स्थित है.
इसमें कहा गया है कि भारतीय सैनिक संबंधित अधिकारियों से पूर्व परामर्श के बिना मालदीव के ईईजेड के भीतर मछली पकड़ने वाली तीन नौकाओं पर सवार हो गए, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों और नियमों का उल्लंघन हुआ. इसमें कहा गया, “परिणामस्वरूप, मालदीव सरकार ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से एक आधिकारिक पहल की है, जिसमें भारत सरकार से घटना का व्यापक विवरण मांगा गया है.”
बयान में कहा गया है कि भारतीय तटरक्षक जहाज 246 और भारतीय तटरक्षक जहाज 253 की बोर्डिंग टीम ने मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर सवार लोगों से पूछताछ की थी.
मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों में आया था तनाव
45 वर्षीय मुईज्जू नेता ने पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारत के मौजूदा उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था. मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है. सोलिह सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में काफी प्रगति हुई थी. मुईज्जू ने पिछले साल 17 नवंबर को मालदीव के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. इस शीर्ष पद की शपथ लेने के एक दिन बाद, उन्होंने मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की अपील की थी.
भारतीय सैनिकों की वापसी पर बनी सहमति
इसके बाद हालिया समय में दोनों देशों के बीच हुई 2 बार उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर औपचारिक सहमति बनी. यह तय हुआ किभारतीय सैनिक मालदीव से वापस तो आएंगे लेकिन उनके बदले भारत वहां सिविलयंस की तैनाती करेगा. यानि भारत सैनिक बुला लेगा और उनके बदले वहां असैनिकों (Civilians) को तैनात करेगा.
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस द्वीपीय देश में तीन विमानन प्लेटफॉर्म में अपने सैन्यकर्मियों को बदलेगा और इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा किया जाएगा. दोनों देशों के कोर समूह की बैठक दिल्ली में संपन्न हुई, जिसमें मुख्य रूप से मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के विषय पर चर्चा हुई.