scorecardresearch
 

'पत्नी उषा और बच्चों को भारत भेजो', ट्रंप के उपराष्ट्रपति ने क्या कहा कि मचा हंगामा

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के प्रवासन संबंधी विवादित बयान ने देश में तीखी प्रतिक्रियाएं और बहस छेड़ दी है. उन्होंने प्रवासन को अमेरिकी ड्रीम की चोरी बताया, जिससे आलोचक उन्हें विदेशी-विरोधी और पाखंडी करार दे रहे हैं. वेंस की पत्नी उषा वेंस के भारतीय मूल होने के कारण भी विवाद बढ़ा है और लोग कह रहे हैं कि वेंस को अपनी पत्नी और बच्चों को भारत वापस भेज देना चाहिए.

Advertisement
X
जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस भारतीय मूल की हैं (File photo/ )
जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस भारतीय मूल की हैं (File photo/ )

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक बयान से अमेरिका में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा है कि 'अमेरिका में बड़ी संख्या में होने वाला प्रवासन अमेरिकी ड्रीम की चोरी है'. आलोचकों ने जेडी वेस की इस टिप्पणी को पाखंडी और विदेशी-विरोधी (जेनोफोबिक) बताया है. कई लोगों ने वेंस को टार्गेट करते हुए यह भी कहा है कि उनकी पत्नी उषा वेंस, भारतीय मूल के प्रवासियों की बेटी हैं. कुछ लोग अमेरिकी उपराष्ट्रपति पर व्यंग्य करते हुए कह रहे हैं कि उन्हें 'उषा को वापस भारत भेज देना चाहिए.'

वेंस ने 'अमेरिकी ड्रीम' की चोरी पर टिप्पणी सोशल मीडिया एक्स पर किए गए एक पोस्ट में की. उन्होंने दावा किया कि बड़े पैमाने पर प्रवासन अमेरिकी कामगारों से अवसर छीन लेता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रवासियों से अमेरिका को होने वाले फायदों पर जो स्टडी होती है वो फंडेड हैं. उनका कहना है कि ऐसी स्टडीज को वही लोग फंड देते हैं जो प्रवासियों के अमेरिका आने से मुनाफा कमाते रहे हैं.

जेडी वेंस की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखक और राजनीतिक विश्लेषक वजाहत अली ने लिखा, 'तो फिर आपको उषा, उनके भारतीय परिवार और अपने मिश्रित नस्ल के बच्चों को भी वापस भारत भेजना पड़ेगा.'

उषा की आस्था पर बयान भी बना विवाद का कारण

वेंस के इमिग्रेशन संबंधी बयानों से उपजे विवाद की पृष्ठभूमि में एक और मुद्दा है- उनके हालिया धार्मिक और सांस्कृतिक टिप्पणियां. न्यूयॉर्क पोस्ट पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि अमेरिकी अगर चाहते हैं कि उनका पड़ोसी भी उनकी जाति का हो, उनकी भाषा बोलता हो या फिर उसकी त्वचा का रंग भी उनसे मेल खाता हो तो यह मांग बिल्कुल स्वीकार्य है.

Advertisement

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी जेडी वेंस उन्हीं की भाषा और रणनीति को दोहराते हैं. उन्होंने पिछली बाइडन प्रशासन को 'विभाजन फैलाने वाली इमिग्रेशन व्यवस्था' के लिए जिम्मेदार ठहराया. जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्रंप सरकार सभी अवैध प्रवासियों को निर्वासित करेगी, तो उन्होंने कहा था, 'हम जितने ज्यादा लोगों को हटा सकें, उतने हटाने की कोशिश करेंगे.'

विवाद तब और बढ़ गया जब पिछले महीने वेंस ने एक कार्यक्रम में यह कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनकी पत्नी उनके साथ चर्च जाती हैं और वो एक दिन ईसाई धर्म अपना लेंगी. इस बयान को उषा की धार्मिक पहचान के प्रति असंवेदनशील माना गया. बाद में उन्होंने सफाई दी कि उषा 'कन्वर्ट करने की प्लानिंग नहीं कर रहीं'. वेंस ने कहा कि वो उषा के धर्म का सम्मान करते हैं.

ट्रंप प्रशासन ने इमिग्रेशन सख्ती और बढ़ाई

जेडी वेंस की टिप्पणी से यह विवाद ऐसे समय में गरमाया है जब ट्रंप प्रशासन इमिग्रेशन को लेकर बेहद सख्त हो गई है. 3 दिसंबर को USCIS ने 19 'हाई रिस्क' वाले देशों से आने वाली हर इमिग्रेशन प्रक्रिया- ग्रीन कार्ड, नागरिकता, वीजा और शरण को तत्काल स्थगित कर दिया.

USCIS ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है. खासकर वाशिंगटन डीसी में अफगान शरणार्थी के नेशनल गार्ड सदस्य की हत्या के बाद की स्थितियों को देखते हुए प्रवासियों पर सख्ती और बढ़ा दी गई है. इस फैसले ने 22 लाख से अधिक लंबित मामलों पर रोक लगा दी है और हजारों परिवारों, कामगारों और छात्रों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है.

Advertisement

प्रवासन को अमेरिकन ड्रीम की चोरी बताना और नस्लीय प्राथमिकता पर जोर देना प्रवासन पर ट्रंप की सख्त नीतियों के समर्थन का उदाहरण है. यह एक रणनीति है जिसमें आर्थिक भय को सांस्कृतिक घृणा में बदला जा रहा है.

हालांकि यह सच है कि अनियंत्रित प्रवासन पब्लिक सिस्टम पर दबाव डाल सकता है और कम-कौशल सेक्टर में मजदूरी 5–10% तक प्रभावित हो सकती है, लेकिन इसे एक अस्तित्वगत साजिश के रूप में पेश करना वास्तविक विरोधाभास को छिपाता है.

वेंस की कहानी खुद उसी इमिग्रेंट सक्सेस की सफलता की तरह है. उनके अपने परिवार की कहानी और उषा का जीवन-यात्रा दिखाते हैं कि अमेरिकी ड्रीम काम करता है- जब इसे रणनीतिक और मानवीय रूप से मैनेज किया जाए.

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं प्रवासी

प्रवासियों के खिलाफ विरोध को भड़काने में न सिर्फ देश को बांटने का रिस्क है बल्कि तेजी से बढ़ते प्रवासी समुदायों, एशियाई-अमेरिकी (अब 7% मतदाता) और हिस्पैनिक को भी रिपब्लिकन पार्टी से दूर कर सकता है, जो कई स्विंग स्टेट्स में निर्णायक भूमिका में हैं. अमेरिका में लगभग 4.5 करोड़ प्रवासी (वैध और अवैध दोनों) हैं, जो वार्षिक GDP वृद्धि का लगभग 25% उत्पन्न करते हैं.

अमेरिका की ताकत उसकी विविधता और मेल्टिंग-पॉट संस्कृति है, न कि शुद्धता परीक्षण. समाधान धमकाने वाली भाषा में नहीं, बल्कि ऐसे द्विदलीय समझौतों में है जो इमिग्रेशन को इंसानी सम्मान और आर्थिक समझदारी के साथ मैनेज करे.

Advertisement

वेंस चाहें तो उषा की सफलता को उदाहरण बनाकर बता सकते हैं कि अमेरिकी ड्रीम सही नीतियों के साथ कैसे फलता-फूलता है. अब समय पुल बनाने का है, दीवारें खड़ी करने का नहीं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement