यरूशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच विवाद की मुख्य वजह रहा है. मस्जिद में इजरायल के मंत्रियों के प्रवेश को लेकर अक्सर विवाद होता है. इसी बीच इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्वीर बुधवार को संवेदनशील अल-अक्सा मस्जिद परिसर का दौरा करने पहुंच गए. मस्जिद परिसर में जाकर उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा में हमास पर पूरी जीत हासिल करने की अपील की.
परिसर में रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में बेन-ग्वीर ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के दो साल बाद, इजरायल जीत रहा है. उन्होंने कहा कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इजरायल की स्थिति मजबूत है. मस्जिद परिसर को यहूदी 'टेंपल माउंट' और मुसलमान ‘हरम अल शरीफ’ कहते हैं.
बेन-ग्वीर ने कहा, 'गाजा के हर घर में टेंपल माउंट की तस्वीर होती है और आज दो साल बाद हम टेंपल माउंट पर जीत रहे हैं. हम टेंपल माउंट के मालिक हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं केवल यही प्रार्थना करता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री गाजा में भी पूरी जीत की इजाजत दें- हमास को पूरी तरह खत्म करें, ईश्वर की मदद से बंधकों को वापस लाएं और पूर्ण जीत हासिल करें.'
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल और फिलिस्तीनी हथियारबंद समूह हमास के बीच मिस्र में अप्रत्यक्ष वार्ता चल रही है ताकि गाजा में बचे सभी इजरायली बंधकों की रिहाई और युद्ध समाप्ति पर सहमति बन सके.
इजरायली मंत्री के अल-अक्सा परिसर में जाने पर जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कड़ी निंदा की है. जॉर्डन ने कहा है कि इजरायली मंत्री का यह कदम अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों का घोर उल्लंघन है.
मंत्रालय के प्रवक्ता फौआद माजाली ने कहा कि 'जॉर्डन चरमपंथी मंत्री के लगातार हमलों और इजरायली पुलिस के अल-अक्सा मस्जिद में चरमपंथियों के बार-बार किए जा रहे घुसपैठ की सख्त निंदा करता है. यह कार्रवाई मस्जिद की ऐतिहासिक और कानूनी स्थिति का खुला उल्लंघन है, यह मस्जिद परिसर की पवित्रता का अपमान है.'
माजाली ने चेतावनी दी कि यरूशलम में इस्लामिक और पवित्र ईसाई स्थलों पर इस तरह के भड़काऊ और अवैध उल्लंघनों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
बेन-ग्वीर को एक कट्टरपंथी नेता माना जाता है जो नेतन्याहू की अब तक की सबसे दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं. बेन-ग्वीर Jewish Power पार्टी के प्रमुख हैं. उन्होंने पहले भी धमकी दी थी कि अगर हमास को पूरी तरह खत्म नहीं किया गया तो वे सरकार से इस्तीफा दे देंगे.
अल-अक्सा परिसर इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल और यहूदी धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. मस्जिद को जॉर्डन की धार्मिक संस्था संचालित करती है. फिलिस्तीनियों को यहां प्रार्थना की इजाजत है. यहूदी यहां आ सकते हैं लेकिन प्रार्थना नहीं कर सकते.
बेन-ग्वीर ने कई बार इन नियमों को चुनौती दी है और परिसर में प्रार्थना भी की है जिस पर मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच नेतन्याहू ने कई बार ये कहा है कि इजरायल मस्जिद परिसर की नियत स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.