अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में यहूदी म्यूजियम के बाहर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या के मामले से पूरी दुनिया हिल गई है. आरोपी हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह फिलहाल पुलिस की कस्टडी में है. इस बीच आरोपी का हमले से पहले का एक कथित मैनिफेस्टो सामने आया है.
आरोपी का नाम एलियास रॉड्रिगेज (Elias Rodriguez) है, जिसकी उम्र 30 साल है और वह शिकागो का रहने वाला है. विकिलीक्स की ओर से शेयर किए गए रॉड्रिगेज के इस कथित मैनिफेस्टो से पता चला है कि वह फिलिस्तीन पर इजरायल के हमले से व्यथित था. वह गाजापट्टी को निशाना बनाए जाने और गाजा में बड़े पैमाने पर हुए नरसंहार को लेकर इजरायल से खफा था.
रॉड्रिगेज का यह कथित डॉक्यूमेंट 20 मई का है. इसमें उसने लिखा है कि इजरायल ने फिलिस्तीन पर जो अत्याचार किए हैं, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक इजरायली हमले में गाजा के 53000 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग मलबे के ढेर में दबे हुए हैं और हमें नहीं पता कि इजरायल की नाकेबंदी से भूख और बीमारी से अभी कितने और लोगों की मौत होगी. न्यूज रिपोर्ट्स बता रही हैं कि गाजा में हजारों लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं, जिंदा या मुर्दा नहीं कहा जा सकता. और मलबे का ढेर लगाातर बढ़ता जा रहा है. ये सिर्फ आंकड़ें नहीं हैं बल्कि अपराध के दस्तावेज हैं.
इस कथित मैनिफेस्टो में कहा गया कि इसमें कोई शक नहीं है कि मौत का यह आंकड़ा बढ़कर एक लाख या उससे ज्यादा भी हो सकता है. जो इसे होने दे रहे हैं, वे फिलिस्तीनियों की माफी के लायक नहीं हैं. फिलीस्तीनी भी इंसान हैं. अमेरिका ने फिलिस्तीनियों के सफाए के लिए इजरायल को खुली छूट दे दी है. इस नरसंहार पर अमेरिकी सरकार चुप है. एरॉन बशनेल और कई और ने इस नरसंहार को रोकने के लिए बड़ा बलिदान दिया है. लेकिन हम उन्हें कामयाब होने नहीं देंगे. इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
इस मैनिफेस्टो में रॉड्रिगेज आगे कहते हैं कि अपराधी प्यार करने वाला माता या पिता, आज्ञाकारी बेटा उदार और दानशील दोस्त और सौम्य अजनबी हो सकता है जो कभी-कभी नैतिकता दिखाने वाला हो सकता है और कभी नहीं. लेकिन असल में वह होता तो मॉन्स्टर ही है. इसकी जवाबदेही से आप बच नहीं सकते. लेकिन मुझे निजी तौर पर फिलिस्तीन में हो रही इस बर्बरता से वाकिफ हूं.