दक्षिणी लेबनान के ऐन-अल-हिलवे शरणार्थी शिविर पर मंगलवार को हुए इजरायली एयरस्ट्राइक में 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. यह पिछले साल इजरायल-हिज़्बुल्लाह युद्ध में हुए युद्धविराम के बाद से लेबनान पर हुआ सबसे घातक हमला है.
सरकारी मीडिया के अनुसार, ड्रोन ने सिदोन के बाहरी इलाके में स्थित एक मस्जिद के पार्किंग क्षेत्र में खड़ी कार को निशाना बनाया. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 मौतों की पुष्टि की, जबकि हमास के लड़ाकों ने पत्रकारों को घटनास्थल तक पहुंचने से रोक दिया.
इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने हमास के एक "ट्रेनिंग कम्पाउंड" को निशाना बनाया, जहां से इजरायल पर हमले की तैयारी की जा रही थी. हमास ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमला एक स्पोर्ट्स ग्राउंड पर हुआ और इसे "जघन्य अपराध" बताया.
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पहले भी कर चुका है इजरायल हमले
पिछले दो वर्षों में इजरायल के हमलों में हिज़्बुल्लाह और हमास के कई शीर्ष कमांडर मारे जा चुके हैं, जिसमें 2 जनवरी 2024 को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हमले में हमास के डिप्टी नेता सालेह अल-अरूरी की मौत भी शामिल है. इजरायली सेना ने आगे कहा कि वह हमास के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी, चाहे वह समूह कहीं भी काम कर रहा हो.
7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध ने क्षेत्र को भड़काया था. इसके अगले दिन हिज़्बुल्लाह के हमलों के बाद 2024 में संघर्ष पूर्ण युद्ध में तब्दील हो गया, जिसमें लेबनान में 4,000 से अधिक लोग मारे गए और 11 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ.
नवंबर 2024 में अमेरिकी मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ, लेकिन उसके बाद भी इजरायल ने लेबनान में दर्जनों हमले किए हैं, दावा करते हुए कि हिज़्बुल्लाह अपनी क्षमताएं फिर बना रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्धविराम के बाद अब तक 270 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और करीब 850 घायल हुए हैं.