इजरायली सेना आईडीएफ ने ईरान के खिलाफ शनिवार तड़के किए गए हमले को 'ऑपरेशन डेज ऑफ रिपेंटेंस' (पछतावे के दिन) नाम दिया है. इजरायल ने ईरान के कई शहरों में रॉकेट बरसाए हैं. हालांकि, इजरायल ने बताया कि उसने ईरान की आम जनता को कोई नुकसान न पहुंचाते हुए सिर्फ सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया है. हालांकि ईरान ने स्वीकार किया है कि इजरायली हमले में उसके दो सैनिक मारे गए हैं.
क्या होता है 'डेज ऑफ रिपेंटेंस' का मतलब?
यहूदी धर्म में 'डेज ऑफ रिपेंटेंस' का इस्तेमाल रोश हशाना (Rosh Hashanah) और योम किप्पुर (Yom Kippur) के बीच के 10 दिनों के लिए किया जाता है, जिन्हें पश्चाताप के दस दिनों के रूप में जाना जाता है. इस अवधि के दौरान, लोगों को अपने कर्मों पर विचार करने, उन्हें सुधारने और सच्चाई के मार्ग पर लौटने के लिए कहा जाता है, जो प्रायश्चित के दिन योम किप्पुर की ओर ले जाते हैं.
यहूदी परंपरा में, इन दिनों को एक अवसर के रूप में देखा जाता है जब 'स्वर्ग के द्वार' खुले होते हैं और लोगों के पास अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने और खुद को सही रास्ते पर लाने का एक मौका होता है. इन 10 दिनों के नाम पर इस ऑपरेशन का नाम रखकर इजरायल राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और जवाबदेही के महत्व को दिखा रहा है.
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'हमारा उद्देश्य पूरा हुआ'
आईडीएफ प्रवक्ता ने हमले की जानकारी देते हुए कहा कि कुछ समय पहले, आईडीएफ ने ईरान के कई क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों पर हमला किया और हमारे सभी विमान सुरक्षित अपने बेस पर लौट आए हैं. यह हमला हाल के महीनों में इजराइल और उसके नागरिकों के खिलाफ ईरानी हमलों के जवाब में किया गया था. उन्होंने बताया कि जवाबी हमला पूरा हो गया है और उद्देश्य पूरा कर लिया गया है.
उन्होंने कहा, 'ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर के महीनों में इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी थीं. इजराइल को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों के साथ-साथ ईरान मीडिल ईस्ट की सुरक्षा, स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहा है.'
'अगर नहीं रुका हमला तो...'
आईडीएफ ने कहा, 'अगर ईरान इजराइल और उसके नागरिकों के खिलाफ अपने हमले जारी रखता है, तो इजराइल के पास अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है. आईडीएफ में स्थिति का लगातार मूल्यांकन होता है और यह बचाव और हमले दोनों में किया जाता है.
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100 से ज्यादा इजरायली विमानों ने भरी उड़ान
यरुशलम पोस्ट के अनुसार, ईरान में सैन्य ठिकानों पर शनिवार के हमलों में 100 से अधिक इजरायली विमानों ने हिस्सा लिया. 2000 किमी दूर से किए गए इस हमले में एफ-35 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया है. एक अमेरिकी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ईरान में सैन्य ठिकानों पर हमले से पहले अमेरिका को इसकी जानकारी दे दी गई थी लेकिन वह ऑपरेशन में शामिल नहीं है.
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, एनबीसी ने एक अज्ञात इजरायली अधिकारी के हवाले से कहा कि इजरायल ईरानी परमाणु ठिकानों या तेल क्षेत्रों पर हमला नहीं कर रहा है. उसका फोकस सैन्य लक्ष्यों पर है. इजरायली सेना ने भी पुष्टि की है कि वह सैन्य ठिकानों को टारगेट कर रहे हैं.