ईरान से लड़ाई के बीच इजरायल ने इस्लामिक गणराज्य के कई शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी है. अब इजरायल ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधी धमकी दी है. इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कात्ज ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम लीडर खामेनेई का हश्र इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन की तरह हो सकता है.
कात्ज ने कहा, 'याद रखिए कि ईरान के पड़ोसी देश के तानाशाह के साथ क्या हुआ था जो इजरायल के खिलाफ था.'
रक्षा मंत्री कात्ज का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि इजरायल खामेनेई की हत्या करने वाला था लेकिन अमेरिका ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.
सद्दाम हुसैन को उनके अपने लोगों यानी इराकियों ने ही मार डाला था. इराक में अमेरिकी सेना ने हुसैन को सत्ता से बेदखल कर दिया था जिसके बाद वो अपने ही देश में छिपते फिर रहे थे. पकड़े जाने पर उन्हें अपने ही महल में कैद रखा गया और फिर 30 दिसंबर 2006 को अमेरिका समर्थित इराकी सरकार ने उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया.
खामेनेई की हत्या करने ही वाला था ईरान कि ट्रंप ने रोक दिया
इससे पहले कई अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि इजरायल खामेनेई की हत्या करने वाला था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीटो के जरिए इजरायल को ऐसा करने से रोक दिया था.
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि अब तक ईरानियों ने एक भी अमेरिकी को नहीं मारा है इसलिए अमेरिका भी ईरान के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना नहीं बनाएगा.
इसके बाद फॉक्स न्यूज से बात करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिया था कि ईरान में सत्ता परिवर्तन हो सकता है.
ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर क्या कह रहे अमेरिकी राष्ट्रपति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वो ईरान और इजरायल के बीच महज संघर्षविराम नहीं चाहते बल्कि समस्या का असली समाधान चाहते हैं. इजरायल ने ईरान पर हमला उसके परमाणु प्रोग्राम को लेकर किया है. इजरायल का कहना है कि ईरान नागरिक परमाणु प्रोग्राम की आड़ में परमाणु बम बना रहा है. ईरान इससे इनकार करता है.
इधर, अमेरिका ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए उसके साथ नया परमाणु समझौता करने की कोशिश में है. इसके लिए चल रही वार्ता में अमेरिका की मांग है कि ईरान अपना यूरेनियम संवर्धन रोके.
परमाणु बम बनाने के लिए 90% संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है. लेकिन ईरान ने ऐसा करने से मना कर दिया जिसके बाद परमाणु वार्ता कमजोर पड़ी और तब तक इजरायल ने बीते गुरुवार रात को ईरान पर हमला बोल दिया.
ट्रंप का कहना है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता और उसे ऐसा करने से रोकने के लिए अमेरिका हर जरूरी कदम उठाएगा.
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