इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह इस्लाम को लेकर कह रही हैं कि यूरोप में इस्लाम को बढ़ावा देने की एक प्रक्रिया चल रही है. इस वीडियो में वह कहती दिख रही हैं कि यह संस्कृति यूरोप के शहरों के मूल्यों के खिलाफ है. मेलोनी सऊदी अरब पर भी गंभीर आरोप लगा रही हैं. वह कहती हैं कि सऊदी अरब इटली में इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्रों (Islamic cultural centers) को आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है. सऊदी को लेकर उन्होंने यह भी कहा है कि कि उस देश में शरिया कानून लागू है.
इटली की पीएम वीडियो में आगे कहती हैं कि इस्लामिक संस्कृति की एक निश्चित व्याख्या और हमारी सभ्यता के अधिकारों और मूल्यों के बीच अनुकूलता की समस्या है. यह बात छिपी नहीं है कि इटली के ज्यादातर इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्रों को सऊदी अरब फंडिंग कर रहा है. सऊदी अरब में शरिया लागू है और शरिया का मतलब है व्यभिचार पर पत्थर मारना, मजहब को छोड़ने पर मौत की सजा, समलैंगिकता के लिए भी मौत. मेरा मानना है कि यह प्रश्न पूछे जाने चाहिए, जिसका सामान्यीकरण नहीं किया जाना चाहिए.
इटली की पहली महिला PM हैं मेलोनी
बता दें कि जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं. वो एक धुर दक्षिणपंथी नेता हैं. वो धुर दक्षिणपंथी पार्टी 'ब्रदर्स ऑफ इटली' से हैं. जॉर्जिया मेलोनी साल 2008 में 31 साल की उम्र में इटली की सबसे युवा मंत्री बनी थीं. इसके चार साल बाद यानी साल 2012 में उन्होंने ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी बनाई.

एलजीबीटी विरोधी होने के लग चुके आरोप
जॉर्जिया मेलोनी पर एलजीबीटी विरोधी होने के आरोप लगते हैं. हालांकि वो इनसे इनकार करती हैं और अपनी छवि सुधारने पर भी काम कर रही हैं. वो बोल चुकी हैं कि पुतिन से मिलने के लिए उनके पास वक्त नहीं है. उन्होंने नाटो के प्रति समर्थन भी जाहिर किया. बेशक मेलोनी रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करती हैं, लेकिन उनके गठबंधन वाली दोनों पार्टियों का रूस से गहरा रिश्ता है. मेलोनी ने एलजीबीटी अधिकारों के खिलाफ अभियान चलाया है.
फासीवादी होने पर दी थी सफाई
जॉर्जिया मेलोनी टीनेजर रहते हुए निओ फासिस्ट मूवमेंट में शामिल हुईं. इसकी शुरुआत इटली के पूर्व तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों ने की थी. फिर 2021 में मेलोनी की किताब आई. इसका नाम 'आइ एम जॉर्जिया' था. किताब में भी उन्होंने इसी बात पर जोर किया कि वो फासीवादी नहीं हैं. साथ ही खुद को मुसोलिनी का वारिस भी बताया. अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए मेलोनी ने इस्लामिक आतंकवाद को काबू में करने को जरूरी बताया. उन्होंने मुस्लिम प्रवासियों को इटली के लिए खतरा बताया.