ईरान के सुप्रीम लीडर अयतुल्ला अली खामेनेई ने एक बार फिर इज़रायल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इज़रायल अब अपने किए की सज़ा भुगत रहा है. उन्होंने ये बयान उस समय दिया है जब ईरान और इज़रायल के बीच टकराव लगातार बढ़ रहा है और दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इज़रायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हालिया हमलों को गंभीर युद्ध अपराध करार दिया है. उन्होंने ये बयान संयुक्त राष्ट्र के मंच पर जेनेवा में दिया, जहां वे यूरोपीय देशों के साथ वार्ता में भाग लेने पहुंचे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक विदेश मंत्री अराघची ने कहा कि 13 जून को इज़रायल द्वारा हमारे परमाणु केंद्रों पर जो हमला किया गया, वह अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार संधियों का खुला उल्लंघन है. यह न केवल ईरान पर हमला है, बल्कि वैश्विक शांति प्रक्रिया पर भी सीधा प्रहार है.
अमेरिका से नहीं, यूरोपीय देशों से बातचीत को तैयार: ईरान
अल-जजीरा के मुताबिक अब्बास अराघची जेनेवा में फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख के साथ अहम बैठक करेंगे. यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब एक सप्ताह पहले इज़रायल ने ईरान पर सैन्य हमला शुरू किया था. बैठक से पहले अराघची ने कहा कि जब तक इज़रायल के हमले जारी हैं, तब तक अमेरिका से बात करने का कोई सवाल ही नहीं उठता. लेकिन यूरोपीय देशों से हम संवाद के लिए तैयार हैं, हालांकि यह कोई औपचारिक ‘मोलभाव’ नहीं होगा.
'हमारे मिसाइल हमले सिर्फ सैन्य ठिकानों पर केंद्रित'
अराघची ने कहा कि ईरान इस समय आत्मरक्षा की स्थिति में है और अपना बचाव करना उसका अधिकार है. ईरान के मिसाइल हमलों का ज़िक्र करते हुए अराकची ने कहा कि हमारे मिसाइल हमले सिर्फ सैन्य ठिकानों पर केंद्रित हैं, न कि आम नागरिकों या अस्पताल जैसी जगहों पर. अगर इज़रायल हमारे आर्थिक ठिकानों पर हमला करता है, तो हम उनके आर्थिक संस्थानों को भी निशाना बनाएंगे.