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पश्चिमी देशों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी नसीहत, कही ये बात

भारत की विदेश नीति पर पश्चिमी देशों की ओर से बार-बार सवाल उठाए जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक सुनाई है. उन्होंने कहा, ''हम विदेश नीति किसी अन्य के लिए नहीं चला रहे हैं. भारत से अलग मत होने के बावजूद पश्चिमी देशों को भारत के साथ रहना सीखना होगा.''

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटोः रायटर्स)
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटोः रायटर्स)

जी-20 और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को लेकर पश्चिमी देशों की ओर से बार-बार उठाए जा रहे सवालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शुक्रवार को एक चैनल को दिए बयान में जयशंकर ने कहा, ''हम विदेश नीति किसी दूसरे देश के लिए नहीं चलाते हैं. जिस तरह से पश्चिमी देशों से अलग मत होने के बावजूद भारत कई बार उनके साथ रहता है उसी तरह उन्हें भी भारत से अलग मत होने के बावजूद साथ रहना सीखना होगा.''

हमारी सहानूभूति उनके साथ हैः जयशंकर 

विदेश मंत्री ने कहा कि कई मुद्दों पर हमारा अलग रुख होता है. जिस तरह से भारत और कुछ पश्चिमी देशों के मत पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर एक समान नहीं हैं, लेकिन फिर भी कई बार हम उनके साथ रहते हैं. उसी तरह पश्चिमी देशों को भी चाहिए कि वह भारत के साथ रहना सीखें. जयशंकर ने पश्चिमी देशों की ओर से की जा रही शिकायत पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी सहानूभूति उनके साथ है.

दूसरे देशों के लिए नहीं चला रहे विदेश नीति

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के तटस्थ रुख पर पश्चिमी देश बार-बार सवाल उठाते रहे हैं. भारत के रुख को सही ठहराते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम अन्य लोगों के लिए विदेश नीति नहीं चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी विदेश नीति भारत और उसके नागरिकों के हित में है.

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर भारत ने हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर रूस की निंदा करने से परहेज किया है. हालांकि, भारत कई बार कह चुका है कि इस युद्ध को कूटनीति के जरिए हल किया जाए.

भारत के लिए जगह बनाना आसान नहीं

पश्चिमी देशों की नाराजगी पर जयशंकर ने कहा, ''कई बार विपरीत मत के बावजूद मैं आपके साथ रहता हूं, आपको (पश्चिमी देश) भी इस स्थिति में भारत के साथ रहना सीखना होगा. रूस-यूक्रेन युद्ध पर उन्होंने कहा कि भारत बहुत ही गंभीरता से उस पर नजर बनाए हुए है. जयशंकर ने यह भी कहा कि दुनिया बहुत ही मुश्किल जगह है और इसमें भारत के लिए जगह बनाना आसान नहीं है.


दो देशों के विचारों का एकसमान होना असंभव

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि भारत का एक पड़ोसी देश है जो आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है. आतंकवादी हमले 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में वैश्विक आतंकवादी के रूप में शामिल करने में चीन के अड़ंगे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दो देशों के लिए किसी मुद्दे पर समान विचार रखना असंभव है.


चीन पर पीएम मोदी का रुख स्पष्ट 

जी-20 समिट के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद विपक्षी पार्टी सरकार की आलोचना कर रही हैं. आलोचना को खारिज करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत चीन की नीतियों को लेकर स्पष्ट है. भारत-चीन सीमा पर सेना की मजबूत तैनाती का उदाहरण देते हुए जयशंकर ने कहा प्रधानमंत्री मोदी चीन के साथ चल रहे मुद्दे को लेकर स्पष्ट हैं.

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