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भारत-पाक तनाव से दुनिया भर में बढ़ी हलचल...जानें क्या कह रहे यूएस, चीन, यूरोप और अरब देश

भारत-पाकिस्तान तनाव पूरे क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच जारी तनाव कहीं बड़े युद्ध में न तब्दील हो जाए, इसकी चिंता बढ़ती जा रही है. अमेरिका,चीन, सऊदी अरब, ईरान जैसे देश राजनयिक माध्यमों से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं.

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से दुनिया भर में चिंता है (File Photo)
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से दुनिया भर में चिंता है (File Photo)

बुधवार से जारी लड़ाई में पाकिस्तान ने बीती रात भी भारत के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले की हिमाकत की जिसे भारत के सुरक्षाबलों और एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया. पाकिस्तान राजौरी, पुंछ और जम्मू के कई जिलों में भारी गोलीबारी कर रहा है जिसमें बीती रात एक वरिष्ठ अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई. भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान के नूरखान, मुरीद चकवाल और रफीकी एयरबेस को निशाना बनाया.

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दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पूरी दुनिया में चिंता है. चाहे वो चीन हो, अमेरिका और यूरोपीय देश हों या फिर अरब वर्ल्ड... हर जगह भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव की बातें चल रही हैं और दुनिया के नेता तनाव कम करने का आग्रह कर रहे हैं.

चीन ने क्या कहा?

भारत-पाकिस्तान तनाव पर दोनों देशों के पड़ोसी चीन की पैनी नजर है और मौजूदा तनाव पर वो लगातार टिप्पणी कर रहा है. हालिया टिप्पणी में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और वो तनाव बढ़ने से चिंतित है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के हित में काम करने, शांति और संयम बरतने, शांतिपूर्ण तरीकों से राजनीतिक समाधान के रास्ते पर लौटने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए मजबूती से आग्रह करते हैं जिससे तनाव और बढ़ सकता है. यह भारत और पाकिस्तान दोनों के बुनियादी हितों और एक स्थिर और शांतिपूर्ण क्षेत्र के लिए जरूरी होगा. अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी यही चाहता है. चीन इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखना चाहता है.' 

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जी-7

अमेरिका और यूरोपीय देशों के समूह जी-7 ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जी7 के सदस्य कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों और उच्च प्रतिनिधि ने दोनों देशों से तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया है.

शनिवार को जी7 के विदेश मंत्रियों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'हम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के जी7 विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं. सैन्य कार्रवाई में बढ़ोतरी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है.'

बयान में आगे कहा गया, 'हम दोनों पक्षों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित हैं. हम तत्काल तनाव कम करने का आह्वान करते हैं और दोनों देशों को शांति के लिए सीधी बातचीत में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. हम घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और एक त्वरित और स्थायी राजनयिक समाधान के लिए अपना समर्थन जताते हैं.'

अमेरिका

भारत-पाकिस्तान तनाव पर अमेरिका लगातार नजर बनाए हुए हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूदा तनाव पर कई बयान दे चुके हैं. शुक्रवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप चाहते हैं, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम हो.

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लेविट ने कहा, 'यह कुछ ऐसा है जिसमें हमारे विदेश मंत्री और एनएसए मार्को रुबियो भी शामिल हैं. राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए. वो समझते हैं कि ये दोनों देश दशकों से एक-दूसरे से मतभेद रखते हैं. हालांकि, उनके दोनों देशों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं. विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं और इस संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.'

अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने गुरुवार को कहा था कि दोनों देशों के तनाव के बीच अमेरिका किसी भी तरह का प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं करेगा. उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव से अमेरिका का कुछ लेना देना नहीं है.

फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में वेंस ने कहा था, 'हम जो कर सकते हैं वो ये कि इन दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित करें. लेकिन हम ऐसे युद्ध में शामिल नहीं होने जा रहे जिससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. अमेरिका न तो भारत और न ही पाकिस्तान, दोनों से किसी से भी हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता है. इसलिए हम कूटनीतिक माध्यमों से इस मामले में आगे बढ़ेंगे.'

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सऊदी अरब ने क्या कहा?

अरब दुनिया का अग्रणी देश माना जाने वाला इस्लामिक देश सऊदी अरब भी भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ने से चिंतित है. सऊदी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि वो भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने, सैन्य संघर्ष समाप्त करने, बातचीत और कूटनीति के जरिए सभी मुद्दों और विवादों को सुलझाने की कोशिशें कर रहा है.

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि सऊदी अरब के नेतृत्व के कहने पर विदेश मंत्री अब्देल अल-जुबैर ने 8 और 9 मई को भारत और पाकिस्तान का दौरा किया था. यह दौरा सऊदी के दोनों पक्षों के बीच तनाव कम करने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश का हिस्सा था.

सऊदी अरब का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने बीती रात उसकी वायुसेना के तीन एयरबेस को निशाना बनाया है. पाकिस्तान ने जवाब में 'बुनयान उल मरसूस' यानी 'लोहे की दीवार' नाम से एक ऑपरेशन भी लॉन्च किया है.

दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए सऊदी के विदेश राज्य मंत्री अदेल अल-जुबैर गुरुवार को अचानक भारत दौरे पर आए जहां उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूरे मसले पर बात की. भारत दौरे के बाद शुक्रवार को सऊदी विदेश राज्य मंत्री पाकिस्तान पहुंचे थे.

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कतर 

भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर कतर ने भी दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया है. बुधवार को कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दोनों देशों से बातचीत करने, विवादित मुद्दों को शांतिपूर्ण और कूटनीति तरीके से सुलझाने पर जोर दिया. 

कतर के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'कतर भारत और पाकिस्तान के बीच निरंतर तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त करता है और कतर दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने, विवेक से काम लेने, अच्छे पड़ोसी के सिद्धांतों का सम्मान करने और कूटनीतिक माध्यमों से संकट का समाधान करने का आग्रह करता है.'

मिस्र

अरब देश मिस्र ने भी दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर प्रतिक्रिया दी है. मिस्र के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में दोनों देशों से तनाव को और बढ़ाने से रोकने का आग्रह किया गया.

बयान में कहा गया कि मिस्र ने भारत और पाकिस्तान से अधिकतम संयम बरतने तथा कूटनीतिक माध्यमों से बातचीत करने का भी आग्रह किया. मिस्र ने 'शांति और स्थिरता बहाल करने और दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शांतिपूर्ण समाधान का सहारा लेने' के महत्व पर भी जोर दिया गया है.

ईरान

ईरान ने भी भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच दोनों ही देशों से बराबर बातचीत जारी रखी है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागजी तनाव के बीच पहले पाकिस्तान गए थे और फिर गुरुवार को उन्होंने भारत का दौरा किया. उन्होंने अपने इस दौरे में दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया.

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उन्होंने कहा, 'हम आशा करते हैं कि भारत और पाकिस्तान क्षेत्र में तनाव को बढ़ने से रोकेंगे. हमारे क्षेत्र को शांति की जरूरत है, खासकर हमें आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय देशों के बीच शांति की जरूरत है. और मेरा मानना है कि ऐसा होगा.'

भारत आने से पहले ईरानी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की भी पेशकश की थी लेकिन भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया था.

तुर्की

भारत-पाकिस्तान में तनाव के बीच तुर्की पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा दिख रहा है. चाहे वो हथियार, ड्रोन आदि देकर पाकिस्तान की मदद करना हो या फिर पाकिस्तान के समर्थन में बयान जारी करना, तुर्की हर तरह से पाकिस्तान के साथ दिख रहा है.

हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वो पाकिस्तान के साथ खड़े हैं.

एर्दोगन ने कहा, 'हम इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव मिसाइल हमलों के कारण व्यापक संघर्ष में बदल सकता है, जिसके कारण बड़ी संख्या में नागरिक शहीद हो सकते हैं. मैं हमलों में अपनी जान गंवाने वाले हमारे भाइयों के लिए अल्लाह से रहम की प्रार्थना करता हूं, और मैं एक बार फिर पाकिस्तान के भाई जैसे लोगों और पाकिस्तान के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.'

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अपने लंबे पोस्ट में एर्दोगन ने बताया कि इस तनाव के बीच उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की है.

तुर्की के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की बोली बोलते हुए अपनी पोस्ट में आगे कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के संबंध में अंतरराष्ट्रीय जांच कराने के पाकिस्तान के प्रस्ताव को सही मानते हैं. कुछ लोग आग में घी डालने का काम कर रहे हैं लेकिन तुर्की तनाव कम करने और बातचीत के रास्ते खोलने का पक्षधर है. इससे पहले कि मामला हाथ से निकल जाए, हम बातचीत शुरू कराने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं.'  

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