भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो गई. इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली द्विपक्षीय बातचीत है. राष्ट्रीय इंजीनियरिंग सर्विसेस में दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक का पहला दौर पाकिस्तान में शुरू हुआ.
गौरतलब है कि पाकिस्तान और भारत के जल आयुक्तों को साल में दो बार मुलाकात होनी है. लेकिन पाकिस्तान समय पर बैठकों को लेकर दिक्कतों का सामना कर रहा है.
वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व जल आयुक्त पीके सक्सेना की अगुवाई में भारतीय जल आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल कर रहा है वहीं पाकिस्तान की ओर से उनके आयुक्त सैयद मेहर अली शाह और उनका प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है. बातचीत के दौरान दोनों देश अपनी रिपोर्ट रख सकते हैं. बैठक के बाद संयुक्त अधिसूचना जारी की जाएगी.
भारतीय जल आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर अपने समकक्षों से महत्वपूर्ण बातचीत करने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचा.
पाकिस्तान जल आयुक्त सैयद मेहर अली शाह और अतिरिक्त आयुक्त शेराज जमील ने वाघा सीमा से होकर यहां पहुंचने पर जल आयुक्त पी के सक्सेना नीत नौ सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगवानी की. शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने चेनाब नदी पर एक हजार मेगावाट पाकल दुल और 48 मेगावाट लोवर कलनाई पनबिजली परियोजनाओं पर आपत्ति जताई थी और वार्ता में इस विषय पर विस्तृत चर्चा होगी.
पाकिस्तान-भारत के स्थाई सिंधु आयोग की पिछली बैठक मार्च में नई दिल्ली में हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने 1960 की सिंधु जल संधि के तहत पानी के प्रवाह और इस्तेमाल किये जा रहे पानी की मात्रा का ब्योरा साझा किया था.