पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा ने सोमवार को देश के सिंधु जल आयोग के आयुक्त जमात अली शाह को ‘भारत का एजेंट’ करार दिया.
शाह ने व्यापक तौर पर फैली इस धारणा को खारिज कर दिया था कि भारत नदी जल में पाकिस्तान के हिस्से को ‘चुरा रहा है.’ इसी के बाद जमात उद दावा ने शाह पर भारतीय एजेंट होने का यह आरोप लगाया है. जमात उद दावा के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान मक्की ने कहा कि शाह के बयान से 18 करोड़ पाकिस्तानियों का मामला कमजोर हुआ है.
मक्की ने कहा, ‘उन्होंने (शाह ने) जल मुद्दे पर भारत को राहत देने की कोशिश की है और उन्होंने जो कहा है कि उससे पाकिस्तान लोग बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखते.’ हाल ही में पंजाब विश्वविद्यालय में दिये व्याख्यान में शाह ने कहा था कि भारत ‘हमारा पानी नहीं चुरा रहा है.’
उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान में बह रही नदियों में कम जल स्तर जलवायु परिवर्तन के कारण है. शाह ने कहा था कि बगलीहार बांध पर पाकिस्तान अपनी जंग हारा नहीं है. उसकी आपत्तियों के बावजूद भारत ने परियोजना स्वीकृत की है. शाह ने कहा, ‘हमने भारत के चुटक और निम्मो बाजगो बांध निर्माण पर आपत्ति जतायी है.’
उन्होंने कहा कि भारत ने चुटक बांध पर आपत्तियों को स्वीकार किया लेकिन निम्मा बाजगो बांध पर उसने आपत्तियों को नहीं माना. उधर मक्की ने कहा, ‘पूरा मुल्क पानी के मसले पर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने को तैयार है. पाकिस्तानी लोग भूख से मरने के बजाय भारत के खिलाफ लड़ने को तरजीह देंगे.’