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'4 दिनों के संघर्ष में भारत रहा हावी, PAK को भारी नुकसान...' न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में सबूत के साथ खुलासा

अमेरिका के अंग्रेजी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक खबर में सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों के हवाले से कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चार दिनों तक चले हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों को निशाना बनाने में भारत को ‘स्पष्ट बढ़त’ हासिल थी.

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भारत के मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान में नूर खान एयरबेस। (सैटेलाइट फोटो ©2025 मैक्सार टेक्नोलॉजीज)
भारत के मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान में नूर खान एयरबेस। (सैटेलाइट फोटो ©2025 मैक्सार टेक्नोलॉजीज)

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाने में "साफ बढ़त" हासिल की. यह दावा प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में किया गया है, जो हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर तैयार की गई है.

रिपोर्ट के अनुसार,भारत के हमले काफी प्रभावी और बेहतर लक्षित थे. भारत द्वारा किए गए हमलों से पाकिस्तान की सैन्य सुविधाओं को “स्पष्ट नुकसान” पहुंचा है. दोनों देशों के बीच यह संघर्ष बीते पचास वर्षों में सबसे बड़ा था, जिसमें ड्रोन और मिसाइलों का व्यापक रूप से इस्तेमाल हुआ. इसमें कहा गया है कि से प्राप्त तस्वीरों से संकेत मिलता है कि हमले व्यापक थे, लेकिन नुकसान दावे के मुकाबले कहीं ज्यादा सीमित था

भारत रहा हावी- रिपोर्ट

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि सैटेलाइट तस्वीरों से साफ़ पता चलता है कि भले ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर नुकसान पहुंचाने का दावा किया, लेकिन असली और प्रमुख नुकसान भारत द्वारा पाकिस्तान को ही पहुंचाया गया है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि आधुनिक युद्ध प्रणाली और सटीक हथियारों के इस युग में दोनों देशों ने अपने हमलों को रणनीतिक रूप से अंजाम दिया, लेकिन भारत ने खासतौर पर पाकिस्तान की वायुसेना की क्षमताओं और एयरफील्ड्स को निशाना बनाया.

भोलारी एयरबेस पर हमला
सबसे महत्वपूर्ण हमलों में से एक कराची के निकट भोलारी एयर बेस पर किया गया हमला था, जहां सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों में विमान हैंगर को पहुंचा नुकसान साफ दिख रहा है. पाकिस्तान के कराची से करीब 100 मील दूर स्थित भोलारी एयरबेस पर भारत ने एयरक्राफ्ट हैंगर को टारगेट किया.  

नूर खान एयरबेस: सबसे संवेदनशील लक्ष्य
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का सबसे संवेदनशील हमला नूर खान एयरबेस पर था, जो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित है और सेना के मुख्यालय व प्रधानमंत्री कार्यालय के करीब है. यही यूनिट पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा देखती है. यहां की सुविधाओं को भारत ने सटीक हथियारों से नुकसान पहुंचाया.

(Nur Khan. Credit: Maxar Technologies)

सरगोधा और रहीम यार खान एयरबेस पर हमले
भारत ने यह भी दावा किया कि उसने पाकिस्तान के प्रमुख हवाई अड्डों को निशाना बनाया है, जिसमें रहीम यार खान और सरगोधा बेस के रनवे सेक्शन भी शामिल हैं.  सैटेलाइट इमेज ने इन दावों का समर्थन किया , जिसमें प्रभावित बुनियादी ढांचे को दिखाया गया है.  

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पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस की दो रनवे स्ट्रिप्स को भी भारतीय सेना ने सटीक हथियारों से निशाना बनाया. भारतीय सेना ने कहा कि उसने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरगोधा हवाई अड्डे पर रनवे के दो हिस्सों पर हमला करने के लिए सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया था.

वहीं रहीम यार खान में पाकिस्तान ने खुद 10 मई को नोटिस जारी किया कि रनवे अब “ऑपरेशनल नहीं” है. इसके अलावा पसरूर और सियालकोट एविएशन बेस पर मौजूद रडार सिस्टम को भी निशाना बनाया गया जिससे पाक की वायुसेना को बड़ा नुकसान हुआ.

(Rahim Khan. Credit: Maxar Technologies)

पाकिस्तान के दावे खोखले साबित
पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्होंने भारत के उधमपुर एयरबेस को “पूरी तरह तबाह” कर दिया, लेकिन 12 मई की सैटेलाइट तस्वीरें उस दावे की पुष्टि नहीं करतीं और एयरबेस को बिना किसी क्षति के दिखाया गया है.

ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद भारत ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया और 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे. इसके बाद पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारत के सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में रफीकी, मुरिद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियां जैसे ठिकानों पर हमला किया.

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10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति
चार दिनों तक चले इस गहन ड्रोन और मिसाइल संघर्ष के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में भारत की सैन्य रणनीति और सटीकता ने पाकिस्तान की युद्धक्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसकी पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और सैटेलाइट डाटा से हो रही है.

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