पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बेहद करीबी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व सांसद लाल चंद्र माल्ही के घर पर बुलडोजर चला दिया गया. माल्ही ने सिंध स्थित उमरकोट में उनके पर हुई कार्रवाई का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है. साथ ही उन्होंने उर्दू में लिखा कि यह मलबा पाकिस्तान में कानून के शासन का है. इमरान खान की दुश्मनी ने सरकार को परेशान कर रखा है. मैं एक शांतिपूर्ण कानून का पालन करने वाला पाकिस्तानी हिंदू नागरिक हूं. पुलिस और प्रशासन ने भारी मिशनरियों के साथ मिलकर उमरकोट (सिंध) में मेरे परिवार की आवासीय संपत्ति को बिना किसी कानूनी औचित्य के ढहा दिया गया. मेरी गलती इमरान खान और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के साथ खड़ा होना है.
वहीं इमरान खान ने इस वीडियो को रि-ट्वीट कर घटना की निंदा की है. उन्होंने लिखा- पीपीपी सरकार (शहबाज शरीफ सराकर) द्वारा उमर कोट में लाल माल्ही के परिवार के घर को ढहाने की निंदा करते हैं. लाल माल्ही पीटीआई की अल्पसंख्यक शाखा के अध्यक्ष हैं. पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से अलग होने के लिए मजबूर करने के लिए राज्य द्वारा अपनाई गई फांसीवादी रणनीति ने न केवल हमारे लोकतंत्र को कमजोर किया है, बल्कि यह राज्य और उसके नागरिकों के बीच सामाजिक अनुबंध को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है.
इमरान ने आगे लिखा-सत्ता में बैठे लोगों को ऐसी हरकतों पर आत्ममंथन करने की जरूरत है. नागरिकों को दबाकर और उनके मौलिक अधिकारों को छीनकर प्रभावी ढंग से शासन करना और प्रगति करना असंभव है. वहीं पीटीआई महासचिव उमर अयूब खान ने कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान की फांसीवादी सरकार और भ्रष्ट सिंध सरकार को नागरिकों की संपत्तियों की परवाह नहीं है.
पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटबिल्टी ब्यूरो ने पिछले दिनों इमरान खान के बेहद खास खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खट्टक को पेशावर बीआरटी घोटाले मामले में नोटिस जारी किया है. एनएबी का पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि जब वह 2013 से 2018 तक खैबर पख्तूनख्वा के सीएम थे, तब बस रैपिड ट्रांजिट पेशावर प्रोजेक्ट में करोड़ों का घोटाला हुआ. उन्होंने इस परियोजना के डिजाइन को बदलवाने के लिए आदेशों में फेरबदल करवाने के लिए कई अन्य मामलों में अहम भूमिका निभाई थी. वैसे परवेज खट्टक अब इमरान खान की पार्टी पीटीआई का हिस्सा नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी फौज के इशारे पर उन्हें यह नोटिस भेजा गया है.