पाकिस्तान के द्वारा पिछले कुछ दिनों में उठाए कदमों और फैसलों पर नजर डाली जाए, तो पता चलता है कि वह अमेरिका के नक्श-ए-कदम पर चल रहा है. भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार और जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट फरीद जकारिया अमेरिका की आधुनिक कार्यपालिका (Executive) शक्ति का विश्लेषण किया है. उन्होंने बताया, "पाकिस्तान द्वारा अपनी सेना प्रमुख को आजीवन कानूनी अभियोजन से छूट देने पर, उनके पाकिस्तानी मित्र ने कहा कि वे 'अमेरिका के नक्शेकदम' पर चल रहे हैं."
फरीद जकारिया ने पाकिस्तान से जुड़े एक मित्र के साथ बातचीत का जिक्र किया. उन्होंने पाकिस्तान द्वारा सेना प्रमुख को कानूनी अभियोजन से आजीवन प्रतिरक्षा सहित बड़ी ताकतें देने के हालिया फैसले पर निराशा जताई.
उन्होंने आगे बताया, "मेरे दोस्त ने जवाब दिया कि वे अमेरिका के नक्शेकदम पर चल रहे हैं." उनके मित्र ने पूछा कि क्या आपके सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला नहीं सुनाया कि राष्ट्रपति अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या कर सकते हैं और फिर भी अभियोजन से मुक्त रह सकते हैं? यह अमेरिका के नए लोकतांत्रिक निर्यात 'अनियंत्रित कार्यपालिका' में उनका स्वागत है.
अमेरिका पर क्या बोले जकारिया?
फरीद जकारिया ने आगे कहा, "अमेरिका के फाउंडर्स अगर वापस आकर अपनी विरासत को देखते, तो उन्हें आधुनिक राष्ट्रपति पद देखकर आश्चर्य होता. उन्होंने राजनीतिक प्रणाली को स्पष्ट रूप से शक्ति को खंडित करने के लिए डिज़ाइन किया था. उन्होंने जानबूझकर एक डीसेंट्रलाइज्ड और संयमित कार्यपालिका की कल्पना की, जिसका जिक्र अनुच्छेद 2 में किया गया है. कांग्रेस को सरकार की पहली शाखा नामित किया गया और उसे ज्यादातर अधिकार दिए गए, जिसमें टैक्स लगाने, खर्च करने, युद्ध का ऐलान करने और वाणिज्य को विनियमित करने की ताकतें शामिल थीं."
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'कांग्रेस की कमजोरी और कार्यपालिका का उभार...'
फरीद ने कहा, "1960 के दशक तक यह बारीक-ट्यून किया गया तंत्र स्पष्ट रूप से ठप हो गया था. युद्धों, आर्थिक संकटों और मीडिया के राष्ट्रीयकरण ने अनियंत्रित राष्ट्रपति शक्ति को हमेशा बढ़ाने का एकतरफा रास्ता बनाया. 1970 के दशक में कांग्रेस ने कार्यपालिका की ज्यादतियों पर लगाम लगाने के लिए कई कानून पारित किए, लेकिन कांग्रेस में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी. 9/11 के बाद, आतंकवाद पर युद्ध प्रस्तावों ने प्रभावी ढंग से इन प्रतिबंधों को रद्द कर दिया."
उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप प्रशासन ने इन संवैधानिक बाधाओं को खत्म कर दिया. इस कानूनी सिद्धांत का दावा है कि अनुच्छेद 2 में एक संक्षिप्त वाक्यांश किसी तरह राष्ट्रपति को कार्यपालिका पर अप्रतिबंधित अधिकार देता है. इस विस्तार का चरम बिंदु कोर्ट का 2024 का फैसला ट्रंप बनाम अमेरिका है, जिसमें कोर्ट ने माना कि राष्ट्रपति अपनी मुख्य संवैधानिक शक्तियों के तहत कार्यों के लिए पूर्ण प्रतिरक्षा और न्यूनतम रूप से अन्य सभी आधिकारिक कामों के लिए अनुमानित प्रतिरक्षा का आनंद लेते हैं.