अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन बुधवार को लीबिया में 11 सितम्बर को हुए आतंकवादी हमले के मामले से उनके विभाग द्वारा निपटने के तौर तरीकों पर रिपब्लिकन नेताओं के साथ उलझ पड़ीं. उन्होंने हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ प्रणालीगत खामियों को स्वीकार किया.
अमेरिकी कांग्रेस में हमले से सम्बंधित मुद्दे की समीक्षा कर रही दो लम्बी सुनवाइयों में बुधवार को क्लिंटन ने कहा, 'जैसा कि मैंने 11 सितम्बर के बाद से कई बार कहा है, मैं जिम्मेदारी लेती हूं.' यह हमला नवम्बर में राष्ट्रपति चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा बन गया था. रिपब्लिकन नेताओं ने आरोप लगाया कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत सुसान राइस ने बेंघाजी में हुए हमले के बारे में देश को गुमराह किया है.
रिपब्लिकन नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में भी यही आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि राइस ने संडे टीवी टॉक शो में गलत बताया था कि अमेरिका में निर्मित एक इस्लाम विरोधी फिल्म के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान अचानक यह हमला हुआ था. इस हमले में राजदूत क्रिस्टोफर स्टीवन सहित तीन अन्य अधिकारी मारे गए थे.
क्लिंटन ने कहा, 'पूरे सम्मान के साथ तथ्य यह है कि चार अमेरिकी मारे गए थे. क्या यह एक विरोध प्रदर्शन के कारण हुआ या फिर क्या कुछ लोगों ने रात में घूमते हुए फैसला कर लिया कि वे कुछ अमेरिकियों को मारेंगे.' उन्होंने कहा, 'इस मोड़ पर इससे क्या फर्क पड़ जाता है. हमारा काम यह पता लगाना है कि क्या हुआ और ऐसा क्या किए जाए कि ऐसा दोबारा नहीं हो.'
दोनों सुनवाई पांच घंटे से कुछ अधिक समय तक चली. इन दोनों ही सुनवाइयों में उन्होंने अपने द्वारा नियुक्त जवाबदेही समीक्षा बोर्ड में बताई गई प्रणालीगत खामियों को स्वीकार किया. क्लिंटन ने कहा कि उन्होंने सभी 29 सिफारिशें मान ली हैं और साथ ही कहा कि दुनिया भर में अमेरिकी कूनीतिक केंद्रों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने सीनेट फॉरेन रिलेशन कमिटी और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमिटी दोनों ही में कहा कि एफबीआई कुछ सकारात्मक संकेतों की दिशा में आगे बढ़ रही है. 2008 में राष्ट्रपति चुनाव में रिब्लिकन उम्मीदवार रहे सीनेटर जॉन मैक्के न ने क्लिंटन की गवाही को असंतोषजनक बताया. वह बेंघाजी प्रकरण में प्रशसन के सबसे कटु आलोचक रहे हैं. दोनों ही समितियों में डेमोक्रैट नेताओं ने क्लिंटन की सेवा की सराहना की और कहा कि प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन नेताओं ने कूटनीतिक सुरक्षा पर होने वाले खर्च में कटौती के लिए मतदान किया था.
रिपब्लिकन नेताओं ने हालांकि विदेश विभाग के एक वित्तीय अधिकारी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बजटीय स्रोत और बेंघाजी पर हुए हमले के बीच कोई सम्बंध नहीं है.