हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की फंडिंग रोकने की लगातार धमकियों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एलन एम. गार्बर ने ट्रंप प्रशासन पर अनुचित नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया तथा कहा कि सरकार की इस कार्रवाई के गंभीर और दीर्घकालिक परिणाम होंगे.
डोनाल्ड ट्रंप आरोप लगाया था कि हार्वर्ड मूर्खों और नफरतियों की जगह बन गई है. इस यूनिवर्सिटी को वामपंथियों का गढ़ बताया जाता है. हार्वर्ड में 23 अक्टूबर, 2023 को गाजा पर इजरायली हमलों और दमन के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे. ट्रंप का कहना है कि यह यूनिवर्सिटी यहूदी विरोध फैला रही है और मुस्लिमों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखती है. साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रतिभा के आधार पर दाखिले नहीं करती. इसलिए, उन्होंने हार्वर्ड की फंडिंग रोकने की धमकी दी है.
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गार्बर ने अपने बयान में कहा, 'एक यहूदी और अमेरिकी के रूप में, मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि बढ़ती यहूदी विरोधी भावना के बारे में चिंताएं वैध हैं.' उन्होंने कहा कि सरकार को विश्वविद्यालय के साथ कानूनी रूप से जुड़ना चाहिए, न कि यह नियंत्रित करना चाहिए कि हम किसे नियुक्त करते हैं और क्या पढ़ाते हैं. मैसाचुसेट्स की संघीय अदालत में दायर मुकदमे में ट्रंप प्रशासन पर हार्वर्ड में 'पढ़ाई लिखाई से जुड़े निर्णय लेने पर नियंत्रण' पाने के लिए व्यापक हमला करने का आरोप लगाया गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें उन अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों का भी उल्लेख किया गया है, जिन्हें अचानक फंडिंग में कटौती का सामना करना पड़ा है.
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के सामने रखी हैं ये मांगें
ट्रंप प्रशासन ने धमकी दी है कि यदि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उसकी मांगें मानने से इनकार किया तो उसकी 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग और ग्रांट रोक दिया जाएगा. इन मांगों में विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों को समाप्त करना, परिसर में विरोध प्रदर्शनों में नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाना, मेरिट बेस्ड रिक्रूटमेंट और एडमिशन जैसे सुधारों को लागू करना, तथा फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर्स की पावर को कम करना शामिल है, जिनके बारे में व्हाइट हाउस का कहना है कि वे स्कॉलरशिप की तुलना में एक्टिविज्म के ज्यादा प्रतिबद्ध हैं. द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि हार्वर्ड को फेडरल हेल्थ रिसर्च कॉन्ट्रैक्ट में से 1 बिलियन डॉलर भी रोके जा सकते हैं. इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की आलोचना की, और इसकी भर्ती प्रक्रिया को 'वोक' और 'रेडिकल लेफ्ट' बताया. उन्होंने संस्थान को एक जोक बताया और कहा कि हार्वर्ड यूनिविसिर्टी को विश्व के महान शैक्षणिक संस्थानों की किसी भी सूची में नहीं शामिल किया जाना चाहिए.
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हार्वर्ड US की 388 साल पुरानी यूनिवर्सिटी है
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्थापना 1636 में अमेरिकी राज्य मैसाचुसेट्स में एक कानून के जरिए की गई थी. शुरुआत में इसका नाम 'न्यू कॉलेज' या 'द कॉलेज ऑफ न्यू टाउन' था, जिसका मुख्य उद्देश्य पादरियों को शिक्षित करना था. साल 1638 में प्यूरिटन पादरी जॉन हार्वर्ड ने इस संस्थान को अपनी पुस्तकालय की 400 किताबें और 779 डॉलर की राशि डोनेट की थी. उन्हीं के सम्मान में 1639 में इस संस्थान का नाम हार्वर्ड कॉलेज रखा गया. वर्ष 1642 में 9 छात्रों के साथ इसमें दूसरे विषयों की पढ़ाई शुरू हुई. हार्वर्ड ने 18वीं शताब्दी में धीरे-धीरे धर्मनिरपेक्ष शिक्षा नीति अपनाई. अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद, राष्ट्रपति चार्ल्स विलियम इलियट ने इसे एक मॉडर्न रिसर्च यूनिवर्सिटी में तब्दील कर दिया. इसके बाद हार्वर्ड ने अपने कैम्पस में बिजनेस और ग्रेजुएट स्कूलों की स्थापना की. हार्वर्ड 20वीं शताब्दी में यह अमेरिका का सबसे प्रतिष्ठित और सबसे बड़ा निजी विश्वविद्यालय बन गया.