ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान हर भारतीय अटपटा लगा. ये उस ट्रंप का बयान नहीं था जिसे भारत जानता था और भारतीय जिसे सुनने के आदी थे. इसी माहौल में एक शख्स की चर्चा भारत से लेकर अमेरिका तक और बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान तक हो रही है. ये 'जेंटलमैन' हैं जेंट्री थॉमस बीच.
लेकिन ये महोदय हैं कौन? और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप के बयानों से इनका क्या लेना देना है. जेंट्री थॉमस बीच टेक्सास में रहने वाले निवेशक हैं और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के पुराने दोस्त हैं. वे दोनों 1990 के दशक में व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़े थे. अब जेंट्री थॉमस अचानक पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की से जुड़ी प्रमुख निवेश गतिविधियों के केंद्र में आ गए हैं. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में इस शख्स पर विस्तार से चर्चा की गई है.
जेंट्री थॉमस बीच ऐसे शख्स है जो ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ लेने के 10 दिन के बाद ही बिजनेस डील पर पाकिस्तान पहुंच गए. ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति बने थे. 30 जनवरी को वो इस्लामाबाद में थे. दुनिया भर में बदलाव और बिजनेस संभावनाओं पर बड़ा बड़ा भाषण देने वाले ट्रंप के इस दोस्त की इस्लामाबाद में आमद के साथ ही खूब आवभगत हुई.
पाकिस्तानियों को तो वैसे ही डॉलर की तलाश थी. वो भी मिलियंस में. इस जरूरत को पूरा करने में जेंट्री थॉमस बीच सबसे मुफीद शख्स लगे. जेंट्री थॉमस ने खुद को ट्रंप का करीबी बताया और संभावित निवेशकों की एक टीम के साथ एंट्री ली. ये टीम वाइट ब्रिज ग्लोबल नाम की कंपनी का बैनर लेकर आई थी.
शहबाज से मुलाकात, अरबों डॉलर का वादा
जेंट्री थॉमस बीच ने इस दौरे में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की और अरबों डॉलर निवेश का वादा किया.
डॉन न्यूज की 30 जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार जेंट्री थॉमस ने तब कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप आर्थिक कूटनीति में विश्वास करते हैं और उनका ये दौरा इसी के तहत हो रहा है. जेंट्री थॉमस ने कहा था, "हम पाकिस्तान में अलग अलग सेक्टर में अरबों डॉलर निवेश करने योजना बना रहे हैं, इनमें खनिज और प्रॉपर्टी सेक्टर शामिल है."
जेंट्री थॉमस ने कहा था कि वे पाकिस्तान में ऐसी लग्जरी इमारतें बनाएंगे जैसी पाकिस्तान में अबतक नहीं बनी है,
सोने की खान पर ट्रंप के करीबी की नजर
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार इस ट्रिप में जेंट्री थॉमस ने पाकिस्तान की कंपनी एपेक्स एनर्जी से एक डील साइन की थी. इस डील का मकसद था, सिंधु नदी के किनारे मिले 'प्लेसर गोल्ड' के भंडार को खोजना और विकसित करना.
बता दें कि पाकिस्तान में हाल ही में सोना मिलने की खबर आई है. इस सोने की अनुमानित कीमत अरबों डॉलर बताई जा रही है. कुछ महीने पहले, पाकिस्तान की नेशनल इंजिनियरिंग सर्विसेज ने दावा किया था कि उन्होंने अटक में सिंधु नदी के पास 80,000 करोड़ रुपये मूल्य का एक विशाल प्लेसर गोल्ड ब्लॉक पाया है,
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ पाकिस्तान (जीएसपी) की साल 2022-23 की रिपोर्ट के अनुसार देश में कई जगहों पर खनिजों और बहुमूल्य धातुओं की खोज का काम जारी है.
जीएसपी ने पाकिस्तान पंजाब के ज़िला अटक में और ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के ज़िला मानसहरा में जियोकेमिकल तकनीक से प्लेसर गोल्ड और दूसरी धातुओं की मौजूदगी का पता लगाने की कोशिश की है.
रिपोर्ट के अनुसार अटक में सोने की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जियो फिजिकल सर्वे और नमूने जमा किए गए हैं और इन पर काम जारी है. कहा जाता है कि ये सोना लाखों साल पहले हिमालय से बहकर आया है. और सिंधु नदी के तलछटों में है.
इस्लामाबाद के बाद ढाका जेंट्री थॉमस का अगला पड़ाव
30 जनवरी को जेंट्री थॉमस इस्लामाबाद में थे तो 31 जनवरी को उनका चार्टर्ड प्लेन ढाका में था. यहां भी जेंट्री थॉमस ने मोहम्मद यूनुस को ढाका में भारी भरकम निवेश का लालच दिया.
यूनुस से मुलाकात में जेंट्री थॉमस ने कहा था कि अब समय आ गया है कि इस देश में और अधिक निवेश आए. हम यहां आकर उत्साहित हैं, उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी रियल एस्टेट, खासकर कम लागत वाले सामाजिक आवास, एयरोस्पेस और रक्षा में निवेश करने में भी रुचि रखती है. जेंट्री थॉमस को बांग्लादेश में सोना तो नहीं मिला लेकिन यहां पर वो जिस डील पर विचार कर रहे हैं उसकी वैल्यू सोने से कम नहीं है.
हाईग्राउंड होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी और संस्थापक बीच ने कहा था उनकी कंपनी ने पहले ही बांग्लादेश में कई परिसंपत्तियां हासिल कर ली हैं और वे देश के ऊर्जा, वित्त और अन्य क्षेत्रों में और अधिक निवेश करना चाहेंगे.
जेंट्री थॉमस ने यूनुस सरकार की हिन्दू अल्पसंख्यकों पर किए जाए अनैतिक और अवैध कार्यों को नजरअंदाज करते हुए कहा था कि आपने बहुत अच्छा काम किया है. और बांग्लादेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी हुई है.
बीच की यात्रा से सवाल उठना लाजिमी है
बीच और ट्रंप जूनियर की दोस्ती वॉर्टन बिजनेस स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से है, जहां वे 1990 के दशक में साथ थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जब पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले की साजिश रचने में व्यस्त था, इस दौरान जेंट्री थॉमस इस्तांबुल में (17 अप्रैल को) तुर्की समूह टेरा होल्डिंग के साथ दुबई में तेल और खनन पर एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे थे.
पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की इन तीनों देशों में ही बीच को ट्रम्प के ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया गया जो व्यापार के लिए गंभीर थे.
इसस पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में मध्यस्थ बनने के डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयास ने एक सौदे पर सुर्खियां बटोरीं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हाल ही में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ एक डील की है जो एक क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के परिवार की 60% हिस्सेदारी है. यह सौदा जल्दबाजी में लॉन्च किए गए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुआ था, जिसने पिछले महीने की शुरुआत में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, बिनेंस के संस्थापक चांगज़ेंग झाओ (सीज़ेड) को अपना सलाहकार नियुक्त किया था.
इस्लामाबाद को स्वयं को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाने के महत्वाकांक्षी उद्देश्य काम कर रहा है. हालांकि पाकिस्तान का क्रिप्टो काउंसिल मुश्किल से कुछ दिन पुराना था, लेकिन वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने अपने पदाधिकारी ट्रम्प के गोल्फ दोस्त स्टीव के बेटे ज़ैचरी विटकॉफ समेत अन्य दोस्तों को भेजा था.
यहां उनका शरीफ ने स्वागत किया था. और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसके कुछ ही दिन बाद सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पहलगाम की घटना को हरी झंडी दे दी.
गौरतलब है कि 10 मई को भारत-पाकिस्तान के टकराव के बीच में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान से बात कर दोनों पक्षों के बीच जंग को रुकवाने में सकारात्मक रोल अदा किया है. ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों से कहा था कि भारत-पाकिस्तान अमेरिका से ट्रेड में भागीदार बनें. हालांकि भारत ने जंग रुकवाने के लिए हुई चर्चा के दौरान ट्रेड का मुद्दा आने से इनकार किया था.