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भारत, बांग्लादेश का नाम लेकर पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री ने उड़ाई शहबाज सरकार की धज्जियां

इमरान खान सरकार में वित्त मंत्री रहे मिफ्ताह इस्माइल ने भारत और बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए शहबाज शरीफ सरकार और मौजूदा वित्त मंत्री इशाक डार पर निशाना साधा है. मिफ्ताह इस्माइल का कहना है कि इशाक डार आईएमएफ से ठीक तरह से बात भी नहीं कर पाए, जिसका पाकिस्तान को बड़ा नुकसान भी हुआ है.

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पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह स्माइल
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह स्माइल

साल 2022 में आई बाढ़ के बाद पाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है. पाकिस्तान की नजरें अब सिर्फ अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष पर है. जैसे ही आईएमएफ से बेलआउट प्रोग्राम का मामला सुलझ जाएगा तो पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलनी शुरू हो जाएगी. इमरान खान सरकार में पाकिस्तान के वित्त मंत्री रहे मिफ्ताह इस्माइल ने भारत और बांग्लादेश का नाम लेते हुए शहबाज शरीफ सरकार पर निशाना साधा है. 

मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि अगर भारत और बांग्लादेश जैसे सभी देश विकास के मामले में पाकिस्तान को पीछे छोड़ रहे हैं तो यह शहबाज सरकार के विफल मॉडल को दर्शाता है. इसके साथ ही मिफ्ताह इस्माइल ने आईएमएफ बेलआउट प्रोग्राम को लेकर पाकिस्तान के मौजूदा वित्त मंत्री इशाक डार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि इशार डार की वजह से परेशानियां और बढ़ गई हैं. 

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने न्यूज चैनल जियो टीवी से बात करते हुए यह बयान दिया. इस्माइल ने कहा कि, पाकिस्तान की मांगों को मनवाने के लिए कर्जदाता पर दबाव बनाना खुलेआम आईएमएफ की शर्तों का उल्लंघन है. लेकिन इशाक डार ने ऐसा ही किया और उसी के नतीजे में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा है.

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने आगे दावा करते कहा कि इशाक डार समझ रहे थे कि वे बिना आईएमएफ की मदद के ही पाकिस्तान की आर्थिक तंगी को दूर कर सकते हैं. 

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वहीं इस्माइल ने इशाक डार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ''जब मैं वित्त मंत्री था तो मौजूदा वित्त मंत्री इशाक डार मीडिया चैनलों पर उनकी आलोचना करने वाले प्रोग्राम चलाने का दबाव बनाते थे.'' 

वहीं पाकिस्तान की बिगड़ती जा रही आर्थिक हालत में सुधार के लिए भी इस्माइल ने अपनी योजना बताई. इस्माइल ने कहा कि वे ऐसा फोरम बनाने पर विचार कर रहे हैं, जिसपर सभी पार्टियों के नेता एक साथ आकर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को फिर पटरी पर लाने के लिए चर्चा कर सकें. 

जल्द पाकिस्तान आ सकती है IMF की टीम
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बेलआउट प्रोग्राम के लिए नौवीं समीक्षा बैठक के लिए आईएमएफ की 31 जनवरी से 9 फरवरी के बीच पाकिस्तान जा सकती है.

अगर बातचीत बन गई तो पाकिस्तान को 1.18 अरब डॉलर बतौर लोन की एक किश्त के रूप में मिल सकते हैं. मालूम हो कि इमरान खान की सरकार के कार्यकाल में आईएमएफ ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के कर्ज की मंजूरी दी थी. बाद में आईएमएफ की ओर से बेलआउट प्रोग्राम को रोक लिया गया. 

आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान 
मौजूदा समय में पाकिस्तान के आर्थिक हालत काफी ज्यादा बिगड़े हुए हैं. देश आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है. रोजमर्रा की जरूरत पूरी करने वाले घरेलू चीजों के दाम आसमान पर हैं. महंगाई का आलम यह है कि निचले तबके के लोगों को दो जून की रोटी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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दूसरी ओर, पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार भी संयुक्त राष्ट्र की मदद से दुनिया के अलग-अलग देशों से मदद की अपील कर रहा है. साल 2022 में आई बाढ़ के बाद से ही पाकिस्तान की हालत ज्यादा बिगड़ी है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी सूखता जा रहा है. इस वजह से पाकिस्तान कुछ दिनों तक ही दूसरे देशों से जरूरी चीजों को आयात करने की हालत में है. 

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