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हाईवे से इंडिया टू थाईलैंड वाया म्यांमार... 70% काम पूरा, विदेश मंत्री ने बताया- क्यों अटका है बाकी काम

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिस्तरीय हाईवे प्रोजेक्ट बहुत मुश्किल परियोजना है जिसे पूरा करना हमारी प्राथमिकता है. विदेश मंत्री ने कहा कि म्यांमार की वर्तमान राजनीतिक स्थिति की वजह से दिक्कतें बढ़ी हैं.

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विदेश मंत्री बोले- भारत-थाईलैंड हाईवे को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता (Photo-Travel Triangle)
विदेश मंत्री बोले- भारत-थाईलैंड हाईवे को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता (Photo-Travel Triangle)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना को बहुत कठिन परियोजना करार देते हुए कहा कि म्यांमार की स्थिति के कारण परेशानी आई है. उन्होंने कहा कि इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है. जयशंकर मेकांग गंगा कॉपरेशन (एमजीसी) मैकेनिज्म की 12वीं विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने और बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के रिट्रीट में भाग लेने के लिए बैंकॉक आए हैं.

विदेश मंत्री ने बताई चुनौतियां

यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी के बारे में बात की. उन्होंने कहा, "आज हमारे सामने असली चुनौती है वो है जिस पर हम काम कर रहे हैं. ये चुनौती है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं... हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से यह परियोजना है, कि अगर हम म्यांमार से होते हुए एक सड़क बनाते हैं तो वह थाइलैंड से जुड़ जाएगी. अच्छी सड़क के कारण माल की ढुलाई और लोगों की आवाजाही में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि म्यांमार की मौजूदा सियासी हालात की वजह से दिक्कतें आ रही हैं.

70 फीसदी काम पूरा

जयशंकर ने कहा, आज हमारी प्राथमिकता ये है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए, इसे कैसे अनलॉक किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढने हैं क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण हो चुका है. भारत, थाईलैंड और म्यांमार लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं जो देश को जमीन के रास्ते दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, व्यवसाय, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा. महत्वाकांक्षी भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पर लगभग 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो गया है.

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भारत को थाईलैंड से जोड़ेगे हाईवे

यह राजमार्ग भारत के मणिपुर के मोरेह को म्यांमार के रास्ते थाईलैंड स्थित माई सोट से जोड़ेगा. रणनीतिक राजमार्ग परियोजना में देरी हुई है. पहले, सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2019 तक राजमार्ग को चालू करना था. थाईलैंड के साथ भारत के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि थाईलैंड के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक हैं.

उन्होंने कहा, 'थाइलैंड के साथ यह कई सदियों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ता है. यह ऐसा रिश्ता है जो आजादी के बाद फिर से पनपना शुरू हुआ और 1990 के दशक में इसे और अधिक रफ्तार मिली. लेकिन पिछले 10 साल इस रिश्ते के लिए बहुत अलग रहे हैं.'

तेजी से बढ़ रही है भारत की अर्थव्यवस्था

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने भारत में हो रहे आर्थिक विकास के बारे में भी बात की.जयशंकर ने कहा, 'अगर आप आज दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को देखें, तो ऐसी बहुत सी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं भी 5 फीसदी से ऊपर बढ़ रही हैं. हमें उम्मीद है कि आज दुनिया में तमाम समस्याओं के बावजूद हम 7 फीसदी की विकास दर के करीब पहुंच जाएंगे.' उन्होंने कोविड महामारी के दौरान थाईलैंड में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए योगदान की भी सराहना की.

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कहां तक जाएगा ये हाईवे

ये हाईवे भारत में पूर्वी इलाके के मोरेह से म्यांमार के तामू शहर जाएगा. इस 1400 किलोमीटर सड़क के इस्तेमाल के लिए त्रिपक्षीय मोटर वाहन समझौता पूरा करने पर बात चल रही है. ये हाईवे थाईलैंड के मेई सोत जिले के ताक तक जाएगी. दवेई पोर्ट को भारत के चेन्नई पोर्ट और थाईलैंड के लेईंग चाबांग पोर्ट से जोड़ा जा सकता है. मौजूदा इंडो-एशिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के तहत भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते की तैयारी कर रहा है. इसमें कुल 10 देश शामिल होंगे.

 

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