अमेरिकी वायु सेना (USAF) के पायलट मेजर टेलर 'फेमा' हाईस्टर ने दुबई एयर शो में दुर्घटना के बाद शो जारी रखने के आयोजकों के फैसले पर नाराजगी जताई है और शो में अपना प्रदर्शन रद्द कर दिया.
दरअसल, दुबई एयर शो 2025 में शुक्रवार को अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना के तेजस लड़ाकू विमान एक युद्धाभ्यास के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और जमीन पर गिरते ही विमान आग के गोले में तब्दील हो गया. जिससे विंग कमांडर नमांश स्याल सुरक्षित रूप से इजेक्ट नहीं कर पाए और उनकी मौत हो गई. पर इसके बावजूद एयर शो जारी रहा. इसको लेकर मेजर हाईस्टर ने पायलट, उनके सहकर्मियों और परिवार के प्रति सम्मान जताते हुए अपना अंतिम प्रदर्शन रद्द कर दिया और आयोजकों द्वारा एयरशो जारी रखने के फैसले में नाराजगी जताई.
तेजस स्वदेशी बहु-भूमिका वाला हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाया गया है.
आयोजकों का चौंकाने वाला फैसला
उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'कल दुबई एयर शो के अंतिम दिन भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल तेजस में स्टंट प्रदर्शन करते हुए शहीद हो गए. हमारी टीम भी अपना प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही थी. आयोजकों ने चौंकाने वाला फैसला लिया कि उड़ान प्रदर्शन जारी रहेंगे. हमारी टीम ने कुछ अन्य टीमों के साथ मिलकर सम्मान में अपना अंतिम प्रदर्शन रद्द करने का फैसला किया- शहीद पायलट, उनके साथियों और परिवार के प्रति सम्मान में.'
'मैं दो घंटे बाद शो साइट से गुजरा...'
उन्होंने लिखा, 'मैं शायद एक या दो घंटे बाद शो साइट से गुजरा, ये उम्मीद करते हुए कि यह खाली, शांत या बंद होगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं था.'
हाईस्टर ने कहा कि दुर्घटना के बावजूद भी अनाउंसर उत्साही बना रहा, भीड़ उत्साह के साथ अगले रूटीन देखती रही और शो का समापन प्रायोजकों और कलाकारों को बधाई नोट के साथ हुआ.
उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये कल्पना करना असहज था कि मेरी टीम मेरे बिना ही शो स्थल से बाहर निकलकर ट्रैक पर जा रही है और अगला कलाकार तैयारी कर रहा है. शो जारी रहना चाहिए, यही वे हमेशा कहते हैं और वे सही हैं, लेकिन बस याद रखना कि आपके जाने के बाद भी कोई यही कहेगा.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
विंग कमांडर नमांश स्याल के पार्थिव शरीर को रविवार को तमिलनाडु के सुलूर वायु सेना बेस पर लाया गया और उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव हिमाचल प्रदेश के पटियालकर ले जाया गया, उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जबकि उनके चचेरे भाई निशांत ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं.