अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की डेडलाइन 1 अगस्त बरकरार रखी है, जिसका ऐलान उन्होंने अप्रैल महीने में कर दिया था. उन्होंने अपने ताजा सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि भारत को 25 फीसदी टैरिफ देना होगा. हालांकि, व्हाइट हाउस की तरफ से फिलहाल इस बारे में कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी नहीं की गई है. यह ठीक वैसा ही जैसा उन्होंने जापान के साथ किया था - जहां पहले 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान तो किया लेकिन यू-टर्न लेकर डील 15 फीसदी पर फाइनल की.
गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-जापान समेत दर्जनों देशों पर अप्रैल महीने में टैरिफ का ऐलान किया था. हालांकि, इसे उन्होंने बाद में 90 दिनों के लिए एक्सटेंड कर दिया था. इसके तहत ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया था तो जापान पर 24 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. भारत के साथ अब तक ट्रेड डील पर बातचीत चल रही थी, लेकिन ट्रंप के ऐलान पर भारत का कहना है कि जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: 'देश के हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे...', ट्रंप के टैरिफ ऐलान पर सरकार की पहली प्रतिक्रिया
भारत पर टैरिफ और धमकियां...
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत से आने वाले सामानों पर 26% "डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ" लगाने का ऐलान किया था. यह कदम उन कई देशों को लक्षित करते हुए उठाया गया था जिन पर अमेरिका ने व्यापार असंतुलन का आरोप लगाया था. ट्रंप ने भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने और गैर-आर्थिक व्यापार बाधाओं का आरोप लगाया था.
इसके बाद 9 अप्रैल 2025 को ट्रंप प्रशासन ने सभी देश-विशेष टैरिफ (जो बेसलाइन 10% टैरिफ से अधिक थे) पर 90 दिनों की अस्थायी रोक लगा दी थी, जिससे भारत समेत कई देशों को थोड़ी राहत मिली.
अब जबकि 1 अगस्त की टैरिफ डेडलाइन नज़दीक आ गई है, आज ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ अभी तक कोई व्यापार समझौता फाइनल नहीं हुआ है और 20-25% टैरिफ की संभावना जताई थी. हालांकि, अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्ट कर दिया है कि भारत को 25 फीसदी टैरिफ देना होगा.
जापान पर डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ और फाइनल डील
अमेरिका और जापान के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार तनाव और टैरिफ विवाद के बीच 23 जुलाई 2025 को एक अहम व्यापार समझौता हुआ. यह समझौता ऐसे समय पर हुआ जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को "Liberation Day Tariffs" के तहत जापान पर 24% का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. इससे पहले, 5 अप्रैल को अमेरिका ने सभी देशों पर 10% का यूनिवर्सल टैरिफ लागू किया था.
यह भी पढ़ें: भारत-रूस दोस्ती से ट्रंप को चिढ़, 25% टैरिफ की धमकी... जानिए भारत के पास अब क्या है विकल्प
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में जापान को एक पत्र भेजकर 25% टैरिफ की चेतावनी दी थी, लेकिन समझौते के बाद अमेरिका में जापानी वस्तुओं, खासकर ऑटोमोबाइल्स पर टैरिफ घटाकर 15% कर दिया गया है. यह दर पहले के 27.5% टैरिफ से काफी कम है.
इस समझौते के तहत जापान ने अमेरिका में 550 बिलियन डॉलर निवेश करने का वादा किया है और अमेरिकी वस्तुओं जैसे कार, ट्रक, चावल और अन्य कृषि उत्पादों के लिए अपने बाजार खोलने की प्रतिबद्धता जताई हैय
हालांकि यह डील कुछ हलकों में सकारात्मक मानी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह अब भी पहले की तुलना में ज्यादा टैरिफ का बोझ डालती है और जापान की अर्थव्यवस्था के लिए नई चुनौतियां पैदा कर सकती है.