अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को सऊदी अरब में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात कर पूरी दुनिया को चौंका दिया. वो अमेरिका जो कुछ समय पहले तक शरा को आतंकवादी मानता था और जिसने शरा के सिर पर एक करोड़ डॉलर (85.5 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित कर रखा था, उसी का राष्ट्रपति अब शरा से हैंडशेक कर रहा है. शरा से मिलने से पहले अमेरिका ने 1979 से सीरिया पर लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों को भी हटा दिया. शरा और ट्रंप की मुलाकात सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अनुरोध पर रियाद में हुई.
ट्रंप शरा की मुलाकात अमेरिका-सीरिया के रिश्तों में एक नया अध्याय है. सीरिया से बशर अल-असद के जाने के बाद शरा ने सत्ता की कमान संभाली है. मुलाकात के दौरान शरा ने ट्रंप को 'मजबूत इतिहास वाला फाइटर' और 'मजबूत शख्स' कहा.
ट्रंप ने शरा से कहा कि वो सीरिया में बदलाव लाएं और इजरायल के साथ देश के रिश्तों को सामान्य बनाएं. ट्रंप ने कहा, 'आपके पास कुछ ऐतिहासिक करने का बेहद शानदार मौका है.'
कौन हैं अहमद अल-शरा?
एक इंटरव्यू में अहमद अल-शरा जिन्हें अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से भी जाना जाता है, ने बताया था कि उनका जन्म सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुआ था. बताया जाता है कि उनका जन्म 1975-1979 के बीच हुआ था. जन्म के कुछ समय बाद ही सरा का परिवार सीरिया की राजधानी दमिश्क आ गया. सरा के दादा इजरायल और सीरिया के बीच गोलान हाइट्स में रहते थे.
गोलान हाइट्स 1967 के अरब-इजरायल युद्ध से पहले तक सीरिया का हिस्सा था लेकिन उसके बाद से इजरायल ने इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया.
अल-सरा अपनी टीनएज के समय से ही राजनीति में काफी सक्रिय हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि 2000 के इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध के समय वो 17 साल के थे. उन्होंने बताया, 'उस समय मैंने सोचना शुरू किया कि मैं कैसे अपने कर्तव्य को पूरा कर सकता हूं, कैसे अपने लोगों को आक्रमणकारियों और कब्जा करने वालों से बचा सकता हूं.'
इसके बाद जब अमेरिका ने 2003 में इराक में अपनी सेना भेजी तो सरा अमेरिकी सेना के खिलाफ विद्रोहियों का साथ देने इराक चले गए. इराक में शरा आतंकवादी समूह अल-कायदा से जुड़ गए. साल 2010 में इराक में अमेरिकी सेना ने शरा को गिरफ्तार कर कुवैत के नजदीक कैंप बुका जेल में बंद कर दिया.
2013 में अमेरिकी विदेश विभाग ने सरा को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया. सरा पर आरोप लगा कि उन्होंने आतंक को फाइनेंस करने, आतंकी घटनाएं प्लान करने, उसमें मदद करने का काम किया.
सीरिया में असद सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जो विद्रोही गुट लड़ रहे थे, उनमें हयात तहरीर अल-शाम (HTS) सबसे अहम था. एचटीएस अलकायदा से ही निकला समूह है. 2016 में अलकायदा में फूट के बाद शरा ने एचटीएस की स्थापना की थी. एचटीएस ने असद की सेना से लड़ते हुए उत्तर-पश्चिमी सीरिया में इदलिब और आसपास के इलाकों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था.
एचटीएस इदलिब का प्रशासन संभालता था और 2020 में समूह ने इदलिब में अल-कायदा के ठिकानों पर ताला लगा दिया था. एचटीएस ने अलकायदा के हथियार जब्त कर लिए और इसके नेताओं को जेल में डाल दिया था. भले ही अमेरिका ने सीरिया से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं और एचटीएस के संस्थापक अल-सरा से राष्ट्रपति ट्रंप हाथ मिला रहे हैं लेकिन एचटीएस अब भी संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए एक आतंकवादी संगठन है.
दो हफ्तों से भी कम समय में उखाड़ फेंकी असद की सत्ता
सीरिया में बशर अल-असद का शासन लगभग 25 सालों तक चला. असद का शासन बेहद ही क्रूर और दमनकारी माना गया. पिछले साल नवंबर में एचटीएस के विद्रोहियों ने दमिश्क पर धावा बोला और दो हफ्तों से भी कम समय में असद को देश से भागने के लिए मजबूर कर दिया.
असद सीरिया से भागकर फिलहाल रूस के राजनीतिक शरण में हैं. दमिश्क पर नियंत्रण के बाद अहमद अल-सरा देश के अंतरिम राष्ट्रपति बने हैं.