पाकिस्तान पहुंचे चीन के विदेश मंत्री ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद जारी बयान में चीन की तरफ से कहा गया है कि चीन अपने पड़ोसी कूटनीति में पाकिस्तान को प्राथमिकता देना जारी रखेगा. चीन-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत-चीन संबंधों में सुधार आ रहा है. यह बात भी गौर करने वाली है कि पाकिस्तान जाने से पहले चीनी विदेश मंत्री ने भारत का दो दिवसीय दौरा किया था.
दोनों मंत्रियों की मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा गया है, 'दोनों पक्षों को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा के लिए हाथ मिलाना चाहिए और एकतरफा धौंस या फिर धमकी का विरोध करना चाहिए. चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को आगे ले जाने के लिए चीन पाकिस्तान के साथ काम करने को तैयार है. चीन पाकिस्तान की राष्ट्रीय स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और आतंकवाद का मुकाबला करने में उसका समर्थन करना जारी रखेगा.'
बयान में चीन के हवाले से आगे कहा गया कि वो साइबर सुरक्षा में पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने को तैयार है. इसके साथ ही चीन ने कहा कि 'उम्मीद है कि पाकिस्तान एक सुरक्षित, कुशल और सुविधाजनक व्यावसायिक वातावरण बनाना जारी रखेगा.'
चीनी विदेश मंत्री अपने पाकिस्तान दौरे में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात करेंगे. यह तीन सालों में चीनी विदेश मंत्री का दूसरा पाकिस्तान दौरा है.
भले ही चीन के साथ भारत के रिश्तों में नरमी आ रही है लेकिन चीन-पाकिस्तान की CPEC प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना भारत के लिए चिंता का विषय रहा है. यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजरता है.
भारत पीओके को अपना हिस्सा मानता है इसलिए चीनी प्रोजेक्ट के इस हिस्से से होकर गुजरने का विरोध करता है. CPEC को लेकर चीन-पाकिस्तान में बनी नई सहमति भारत के लिए नई सुरक्षा चुनौती पेश कर सकती है.
भारत की सिरदर्दी इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि चीन इस प्रोजेक्ट में अब भारत के एक और पड़ोसी अफगानिस्तान को भी शामिल कर रहा है. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने चीन के साथ प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए अपनी सहमति भी दे दी है.