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कैथोलिक स्कूल में 215 बच्चों के शव मिलने से उबल पड़ा है कनाडा, मंत्री ने पोप से की माफी की मांग

कनाडा के एक कैथोलिक स्कूल में 215 बच्चों के शव मिलने पर पूरे कनाडा में गहरा रोष है. अब कनाडा के स्वदेशी सेवाओं (Indigenous services) के मंत्री ने पॉप फ्रांसिस से कैथोलिक चर्चों द्वारा कनाडा के आवासीय स्कूली सिस्टम में निभाए गए अपने रोल के लिए एक माफी पत्र जारी करने के लिए कहा है.

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पोप फ्रांसिस (फाइल फोटो)
पोप फ्रांसिस (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कनाडा के एक बंद पड़े स्कूल में मिले हैं बच्चों के शव
  • कैथोलिक चर्च के नियंत्रण में था स्कूल
  • स्कूल में धर्मांतरण के लिए बच्चों पर होता था अत्याचार
  • मंत्री ने पोप फ्रांसिस से कहा- माफी पत्र जारी करें

कनाडा के जिस स्कूल में 215 बच्चों के शव दफन मिले हैं उसे लेकर पूरे कनाडा से काफी तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ये स्कूल एक समय कनाडा का सबसे बड़ा आवासीय स्कूल माना जाता था. साल 1978 में इस स्कूल को बंद कर दिया गया था.

इसे कैथोलिक चर्च द्वारा चलाया जाता था जहां दूसरे धर्म-विचार के लोगों को कैथोलिक धर्म में कन्वर्ट करने के लिए मजबूर किया जता था, अब इस स्कूल से 215 बच्चों के शव मिलने पर पूरे कनाडा में रोष है. खुद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू ने भी इसे लेकर गहरा दुःख व्यक्त किया है.

अब कनाडा के स्वदेशी सेवाओं (Indigenous services) के मंत्री ने पॉप फ्रांसिस से कैथोलिक चर्चों द्वारा कनाडा के आवासीय स्कूली सिस्टम में निभाए गए अपने रोल के लिए एक माफी पत्र जारी करने के लिए कहा है. इससे पहले 215 शवों के पाए जाने के तुरंत बाद ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू ने इस तरह के स्कूलों में छुपे हुए शवों को ढूंढने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है. जहां देशभर के बच्चों को पढ़ने के लिए लाया जाता था. इस स्कूल का नाम केमलूप्स इंडियन रेसिडेंशियल स्कूल है. इस स्कूल के अंदर शवों की जानकारी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार से पता चली थी.

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इस स्कूल को कैथोलिक चर्च द्वारा चलाया जा रहा था. उस समय कैथोलिक चर्च द्वारा अनेकों स्कूल चलाए जा रहे थे, जहां अलग-अलग जगहों से बच्चों को लाया जाता था. उन्हें अपने धर्म में कन्वर्ट के लिए मजबूर किया जाता था. जहां शारीरिक से लेकर मानसिक शोषण तक होता था. बाद में कनाडाई सरकार ने इन स्कूलों पर से कैथोलिक चर्च का नियंत्रण हटाकर इन्हें अपने अपने नियंत्रण में ले लिया था. उसी दौरान साल 1978 में इस स्कूल को बंद कर दिया गया था.

आपको बता दें कि इससे पहले भी कैथोलिक चर्चों के आवासीय स्कूलों में रोल के लिए पहले भी माफी की मांग की जाती रही है. खुद कनाडाई सरकार ने आवासीय स्कूलों में धर्मांतरण के लिए हुए अत्याचारों को लेकर साल 2008 में माफ़ी मांगी थी. सरकार द्वारा इस मामले पर गठित एक आयोग (Truth and Reconciliation Commission) ने भी पोप द्वारा माफ़ी मांगे जाने का सुझाव दिया था.

खुद जस्टिन ट्रूड्यू ने भी साल 2017 में अपनी वेटिकन सिटी की यात्रा के समय पोप से इस तरह के सुझाव पर विचार करने के लिए कहा था. लेकिन साल 2018 में कनाडियन कांफ्रेंस ऑफ कैथोलिक बिशप्स ने घोषणा की थी कि पोप निजी रूप से आवासीय स्कूलों के लिए माफी नहीं मांगेंगे.

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कनाडा के स्वदेशी सेवा मंत्री मार्क मिलर ने कहा है ''मैं सोचता हूं ये बेहद शर्मनाक है कि अभी तक ऐसा (माफ़ी) क्यों नहीं किया गया है.''

स्वदेशी संबंध मंत्री (Indigenous Relations Minister) कैरोलिन बेनेट (Carolyn Bennett) ने भी कहा है कि इस तरह की माफ़ी पीड़ित लोगों को इस दर्द से उबरने में मदद करेगी. उन्होंने आगे कहा ''वे (पीड़ित) पोप की माफी सुनना चाहते हैं.''

 

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