scorecardresearch
 

कनाडा में मार्क कार्नी की जीत से भारत पर होगा कैसा असर? तनावपूर्ण रिश्तों पर क्या है लिबरल नेता की राय

कनाडा में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने आम चुनाव में जीत हासिल की है. मार्क कार्नी की जीत के बाद माना जा रहा है कि भारत और कनाडा के रिश्तों में नरमी आएगी. कार्नी कई बार कह चुके हैं कि वो भारत के साथ संबंधों को सुधारने के इच्छुक हैं.

Advertisement
X
मार्क कार्नी भारत-कनाडा रिश्तों में नरमी लाने का काम कर सकते हैं
मार्क कार्नी भारत-कनाडा रिश्तों में नरमी लाने का काम कर सकते हैं

कनाडा के आम चुनाव में एक बार फिर लिबरल पार्टी की जीत हुई है. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमन्स की 343 सीटों में से 167 सीटों पर जीत दर्ज की है. पार्टी 172 के बहुमत से पीछे रह गई है और उसे सरकार चलाने के लिए दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन की जरूरत होगी. मार्क कार्नी से पहले लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो थे जिन्होंने जनवरी में प्रधानमंत्री पद और पार्टी लीडर के पद से इस्तीफे की घोषणा की थी. ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्ते निचले स्तर पर आ गए थे. 

Advertisement

ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ बताया था. जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी और इस हत्या के लिए ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया जिसे भारत ने खारिज कर दिया था. इस हत्याकांड को लेकर दोनों देशों में भारी तनातनी देखने को मिली. कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त समेत कनाडा में काम कर रहे छह डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया था. जवाब में भारत ने भी कनाडा के दर्जनों डिप्लोमैट्स को देश से निकाल दिया था. 

ट्रूडो की विदेश नीति का उनकी पार्टी के अंदर ही काफी विरोध देखने को मिला और भारत को लेकर कार्नी का रुख ट्रूडो से बिल्कुल ही अलग है. हाल ही में मार्क कार्नी ने कहा था कि अगर वो दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तो भारत के साथ रिश्ते सुधारने को प्राथमिकता देंगे.

Advertisement

भारत को लेकर कनाडा के पीएम कार्नी का रुख

कार्नी ने स्वीकार किया है कि निज्जर हत्याकांड के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बना हुआ है. उन्होंने कहा, 'भारत और कनाडा के रिश्ते कई स्तरों पर बेहद जरूरी है. भारत के साथ कनाडा के लोगों के गहरे व्यक्तिगत संबंध जुड़े हुए हैं, आर्थिक और रणनीतिक संबंध भी जुड़े हुए हैं. रिश्तों में तनाव है जिसे हमने खुद से पैदा नहीं किया है. हमारे पास परस्पर सम्मान से इस रिश्ते को फिर से सुधारने का मौका है.'

उन्होंने कहा था कि दुनिया की अर्थव्यवस्था हिली हुई है और ऐसे में भारत और कनाडा जैसे देश बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

कनाडा पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25% के टैरिफ के बाद इसी साल मार्च में कार्नी ने कहा था कि कनाडा को अपने ट्रेड पार्टनर्स में विविधता लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा था, 'कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहता है और भारत के साथ संबंधों को फिर से बेहतर करने का मौका है हमारे पास. अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं तो मैं इस मौके का इंतजार करूंगा.'

मामले के जानकार सूत्रों ने कुछ समय पहले हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा था दोनों देश कनाडा में नई सरकार बनते ही उच्चायुक्तों को नियुक्त करने की सोच रहे हैं.

Advertisement

मार्च में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी कनाडा से रिश्ते सुधारने की बात कही थी. उन्होंने कहा था, 'हम उम्मीद कहते हैं कि परस्पर विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर हम अपने रिश्तों को दोबारा बनाएंगे.'
 
कनाडा में भारतीय समुदाय से जुड़े हुए हैं कार्नी

कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. वहां 28 लाख भारतीय प्रवासी और भारतीय मूल के लोग रहते हैं जो अस्थायी नौकरी कर रहे हैं या फिर छात्र हैं. इनमें से बहुत से लोग कनाडा के स्थायी निवासी भी हैं.

कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या ही 427,000 से ज्यादा है जो कनाडा की शिक्षा और लेबर मार्केट में अहम भूमिका निभाते हैं. ट्र्रूडो के समय राजनयिक रिश्ते में गिरावट आई लेकिन प्रवासियों की संख्या पर कोई असर नहीं हुआ. माना जा रहा है कि कार्नी भारतीय प्रवासियों के प्रति उदार रहेंगे. 

इसी महीने की शुरुआत में उन्होंने टोरंटो के बाप्स स्वामीनारायण हिंदू मंदिर में जाकर वहां के लोगों को राम नवमी की बधाई दी थी.

कार्नी ने बैशाखी के मौके पर ओटावा सिख सोसायटी के गुरुद्वारे में जाकर लोगों को शुभकामनाएं भी दी थी.

भारत-कनाडा व्यापार समझौता

भारत-कनाडा तनाव की वजह से दोनों देशों के बीच कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) पर वार्ता रुक गई थी. CEPA को लेकर सालों से बात चल रही थी लेकिन निज्जर हत्याकांड से जुड़े आरोपों के बाद भारत-कनाडा के बीच यह वार्ता रुक गई थी.

Advertisement

लेकिन माना जा रहा है कि मार्क कार्नी यह समझौता करने में रुचि दिखाएंगे. दोनों देशों के बीच व्यापार की बात करें तो, 2023 में भारत-कनाडा का द्विपक्षीय व्यापार 13.49 अरब कैनेडियन डॉलर था.

Live TV

Advertisement
Advertisement