ब्रिटेन की राजनीति में सोमवार को बड़े फेरबदल देखने को मिले. गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन की कुर्सी इजरायल और हमास की भेंट चढ़ गई. उन्होंने लंदन की पुलिस पर फिलिस्तीन समर्थक होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद पीएम सुनक ने जेम्स क्लेवर्ली (James Cleverly) को देश का नया गृहमंत्री नियुक्त किया. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की सात साल बाद राजनीति में वापसी हुई है.
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन (David Cameron) को सुनक सरकार में नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. वह जेम्स क्लेवर्ली का स्थान लेंगे. जेम्स को सुएला की जगह गृहमंत्री बनाया गया है. इस तरह ब्रिटेन में बड़े सियासी फेरबदल हुए हैं.
कैमरन 2010 से 2016 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर थे. लेकिन ब्रिटेन में हुए ब्रेक्सिट जनमत संग्रह के नतीजे सामने आने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था.
सुएला की कुर्सी क्यों गई?
ब्रिटेन की राजनीति में इस फेरबदल को लेकर लंदन के मेयर सादिक खान ने तंज कसते हुए कहा कि नए पद्भार, लेकिन कंजरवेटिव पार्टी की वही पुरानी कहानी. ब्रिटेन को कैबिनेट में बदलाव की जरूरत नहीं है. बल्कि देश में अभी आम चुनाव होने चाहिए.
सुएला ब्रेवरमैन ब्रिटेन की राजनीति में बहुत ही विवादित शख्सियत है. उन्होंने दरअसल एक लेख में लंदन की पुलिस पर संगीन आरोप लगाया था. उन्होंने लंदन पुलिस पर फिलिस्तीन समर्थकों के प्रति उदार रुख अपनाने का आरोप लगाया था.
बीते दिनों लदंन में फिलिस्तीन के समर्थन में एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. लेकिन पुलिस ने इन प्रदर्शनों को रोक दिया था, जिससे सुएला भड़क गई थीं. इसके बाद उन्होंने एक आर्टिकल में लंदन पुलिस पर फिलिस्तीन के समर्थन में हुए प्रदर्शनों को गलत तरीके से रोकने का आरोप लगाया था.
सुएला का विवादों से है चोली-दामन का साथ
सुएला के कई बयानों पर देश और दुनिया में विवाद हुआ है. हाल ही में उन्होंने ब्रिटेन में फुटपाथ पर रहने वाले लोगों के बारे में कहा था कि वे अपनी मर्जी से वहां रहते हैं और ये एक तरह से उनकी लाइफस्टाइल च्वॉइस है.
उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन के लोग दयालु हैं. हम हमेशा उन लोगों के साथ हैं, जो सचमुच बेघर हैं. लेकिन हम अपनी सड़कों पर तंबुओं से लोगों को कब्जा नहीं करने देंगे. ये लोग अपनी जीवनशैली के तौर पर सड़कों पर रहते हैं.
उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था. इस बयान की काफी आलोचना की गई थी. खुद उनकी ही पार्टी के सदस्यों ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया था. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से जब पूछा गया था कि क्या वह अपनी कैबिनेट सहयोगी की टिप्पणी को आपत्तिजनक मानेंगे, तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.
बता दें कि ब्रेवरमैन ने इस साल की शुरुआत में भी एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन में शरण चाहने वाले लोगों को रवांडा भेज देना जाना चाहिए.