इजरायल हमास युद्ध को अब पूरे एक माह हो चुके हैं. जंग अब दूसरे महीने में प्रवेश कर रही है. 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला बोला था. अब इस मामले में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने इजरायल पर हमास के हमले की निंदा करते हुए फिलिस्तीन के लोगों की पीड़ा पर भी बात की है. ओबामा ने कहा, अगर आप इसका समाधान चाहते हैं तो आपको "पूरी सच्चाई स्वीकार करने" की जरूरत है. किसी के हाथ बेदाग नहीं हैं.
अमेरिका सहित कई देशों ने की हमास की निंदा
बता दें कि, हमास के हमले के बाद इजरायल ने ऑपरेशन शुरू किया और जंग अभी तक लड़ी जा रही है. इस जंग में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और घायलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. इस बीच अमेरिका सहित दुनिया भर के कई मुल्क इजरायल के समर्थन में हैं तो वहीं अरब और मुस्लिम देश फिलिस्तीन का साथ देते हुए हमास की कार्रवाई को जायज बताते हुए चुप हैं. अब इस जंग को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराम ओबामा का बड़ा बयान सामने आया है.
'असहनीय कब्जे' पर करना होगा गौरः पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एकबार फिर इजरायल-हमास जंग की कड़ी निंदा की है, लेकिन उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि आपको असहनीय कब्जे पर भी गौर करना होगा. बराक ओबामा ने कहा है कि यह संघर्ष सदियों पुराना है जो अब सामने है.ओबामा ने न केवल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की निंदा की बल्कि उन्होंने फलस्तीन में नागरिकों की पीड़ा के बारे में बात की.
हमास ने जो किया नहीं हो सकता है जस्टिफाई
ओबामा ने अपने बयान में कहा, "हमास ने जो किया वह भयावह था और उसको जस्टफाइ नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह भी सच है कि जो फलस्तीनियों के साथ हो रहा है वह भी असहनीय है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "यह भी सच है कि यहूदी लोगों का एक इतिहास है जिसे तब तक खारिज किया जा सकता है जब तक कि आपके बड़े यहूदी विरोधी भावना के पागलपन के बारे में कहानियां न बताएं और जो सच है वह यह है कि अभी इस जंग में जो लोग मारे जा रहे हैं , वह ऐसे लोग हैं, जिनका हमास के कृत्य से कोई लेना-देना नहीं है."
ओबामा ने कहा, अगर आप इसका समाधान चाहते हैं तो आपको "पूरी सच्चाई स्वीकार करने" की जरूरत है. किसी के हाथ बेदाग नहीं हैं. उन्होंने पूरा सच जानने का आग्रह किया और कहा कि जब इजरायल-हमास युद्ध की बात आती है तो संतुलन बनाना बेहद जरूरी है.