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पाकिस्तान में आर्थिक तंगहाली पर अमेरिका ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात

विदेशी मुद्रा का संकट झेल रहे पाकिस्तान के पास एक महीने के आयात के लिए भी पर्याप्त राशि नहीं हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 4.3 अरब डॉलर ही रह गया है. आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान पर अमेरिका ने टिप्पणी की है.

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (फोटो- रॉयटर्स)
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (फोटो- रॉयटर्स)

पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. विदेशी मुद्रा का संकट झेल रहे पाकिस्तान पर अमेरिका ने भी चुप्पी तोड़ी है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है. 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तान में तेजी से खत्म हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार पर टिप्पणी करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान को आर्थिक रूप से स्थिर देश के रूप में देखना चाहता है.  

पाकिस्तान सरकार की लाख कोशिश के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आ रही है. पिछले सप्ताह प्राप्त डेटा के अनुसार, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 4.3 अरब डॉलर ही रह गया है. यह राशि एक महीने के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है.

अमेरिका ने क्या कहा

डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधन के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बुधवार को कहा, "पाकिस्तान के लिए वित्तीय संकट एक चुनौती है और हम सभी इससे अवगत हैं. मैं जानता हूं कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय मदद के लिए बात कर रहा है. हम पाकिस्तान को आर्थिक रूप से स्थायी स्थिति में देखना चाहते हैं." 

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आईएमएफ से मदद पर अमेरिका ने क्या कहा

अमेरिका के दबदबे वाले आईएमएफ से मदद को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए नेड प्राइस ने कहा कि जहां तक मैं समझता हूं आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच बातचीत चल रही है. जहां हम पाकिस्तान की मदद कर सकते है, वहां हम करते हैं. लेकिन ये मामला पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच का है. 

आईएमएफ ने ऋण देने से किया था इनकार

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने 6 जनवरी को आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ पाकिस्तान के लिए लोन सहायता की अगली किश्त जारी करने का अनुरोध किया था. लेकिन आईएमएफ ने ऋण की नई किस्त जारी करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि पाकिस्तान आईएमएफ के नियम कायदों पर खरा नहीं उतरा था.

पाकिस्तान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऋण कार्यक्रम के तहत ऋण के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. अंग्रेजी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के अनुसार, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार और आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर के बीच हुई मुलाकात में आईएमएफ ने पाकिस्तान को हाल के दिनों में दिए गए सभी निर्देशों को पूरा करने के लिए कहा है.

हालांकि, संयुक्त अरब आमीरात ने पाकिस्तान को मौजूदा 2 अरब डॉलर के ऋण को रोलओवर (समय अवधि बढ़ाना) करने और एक अरब डॉलर का अतिरिक्त ऋण प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है. 

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पाकिस्तान में आर्थिक तंगहाली

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 4.34 अरब डॉलर रह गया है. यह राशि फरवरी 2014 के बाद से सबसे कम है. देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा का गंभीर संकट पाकिस्तान को विदेशी संपत्ति को बेचने पर मजबूर कर दिया है.

 

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