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अफगानिस्तान की आर्थिक मदद करेगा अमेरिका, 64 मिलियन डॉलर का किया ऐलान

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अंतरिम सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने सोमवार को अहम फैसला लिया है. अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों की आर्थिक मदद करने की घोषणा की है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान के लोगों के लिए 64 मिलियन डॉलर देगा अमेरिका
  • तालिबान के कब्जे और नई सरकार के गठन के बाद स्थिति है खराब

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अंतरिम सरकार के गठन के बाद अमेरिका ने सोमवार को अहम फैसला लिया है. अमेरिका ने अफगानिस्तान के लोगों की आर्थिक मदद करने की घोषणा की है. वह अफगानिस्तान की जनता के लिए तकरीबन 64 मिलियन डॉलर की मदद करने जा रहा है.

मीडिया हाउस 'टोलो न्यूज' ने जानकारी दी है कि संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड ने आर्थिक सहायता को मानवीय सहायता के रूप में बताया है. उन्होंने यूएन में कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति गंभीर है. ऐसे में अमेरिका ने नई मानवीय सहायता के रूप में 64 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है. जमीनी हालात के बारे में और आकलन करने के बाद भविष्य में और अधिक राशि दिए जाने पर भी विचार होगा.

अमेरिका से पहले चीन भी अफगानिस्तान सरकार को मदद देने का ऐलान कर चुका है. चीन ने 200 मिलियन यूआन (31 मिलियन डॉलर) की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. इसमें फूड सप्लाई और कोरोना वायरस वैक्सीन्स भी शामिल हैं. चीन ने कहा कि नई अंतरिम सरकार की स्थापना अफगानिस्तान में व्यवस्था बहाल करने के लिए एक जरूरी कदम था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अफगानिस्तान में आर्थिक संकट का मुद्दा उठाते हुए अपील की थी कि अमेरिका और अन्य देशों को अफगानिस्तान के लोगों की मदद करनी चाहिए.

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अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड  ने भी इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी है. उन्होंने कहा, ''मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों के लिए नई मानवीय सहायता के रूप में लगभग 64 मिलियन डॉलर प्रदान कर रहा है, यह नया वित्त पोषण यूनाइटेड नेशन और अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के काम का समर्थन करेगा. लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड ने साथ ही अन्य देशो से अपील करते हुए कहा, "हम अन्य देशों से एकजुटता दिखाने का आग्रह करते हैं और वित्तीय सहायता के लिए इस तत्काल अपील को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम मानवीय कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहें ताकि जरूरतमंद अफगानों के जीवन को बचा सकें.''

यह भी पढ़ें: क्या अफगानिस्तान के सत्ता संघर्ष में मारा गया मुल्ला बरादर? जानिए क्या बोला तालिबान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने वालों से अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए कहा था. साथ ही गुटेरेस ने तालिबान से सहायता एजेंसियों को जरूरतमंद लोगों की मदद करने की अनुमति देने का भी आह्वान किया था.

गौरतलब है कि 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका और नाटो की सेनाएं अफगानिस्तान गई थीं, जहां पर 20 सालों तक रहने के बाद पिछले दिनों वापस लौट गई हैं. अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद से ही अफगानिस्तान में हालात खराब होने लगे थे. 15 अगस्त को तालिबानी लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर कब्जा जमाते ही पूरे देश पर शासन करना शुरू कर दिया था. इसी दौरान, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी देश छोड़ दिया. 31 अगस्त को अमेरिकी सेना के पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान ने पिछले दिनों अंतरिम सरकार का गठन कर दिया, जिसमें मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है. वहीं, वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी को नए गृह मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई है.

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