scorecardresearch
 

अफगानिस्तान संकट पर जी7 की बैठक, तालिबान के भविष्य पर फैसले को लेकर एकजुट होंगे देश

अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए जी7 के नेता आज वर्चुअल बैठक करेंगे. इस बैठक में उम्मीद है कि जी समूह के नेता तालिबान को आधिकारिक तौर पर मंजूरी देने या प्रतिबंध लगाने संबंधी मसले पर एकजुट होने की प्रतिबद्धता जाहिर करेंगे.

Advertisement
X
अफगानिस्तान संकट को लेकर जी7 के नेता चर्चा करेंगे. (फाइल फोटो)
अफगानिस्तान संकट को लेकर जी7 के नेता चर्चा करेंगे. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाइडेन की डेडलाइन पर भी होगी चर्चा
  • महिला अधिकारों को लेकर तालिबान के रवैये पर भी होगा विचार

अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए जी7 के नेता आज वर्चुअल बैठक करेंगे. इस बैठक में उम्मीद है कि जी7 समूह के नेता तालिबान को आधिकारिक तौर पर मंजूरी देने या प्रतिबंध लगाने संबंधी मसले पर एकजुट होने की प्रतिबद्धता जाहिर करेंगे. दो राजनयिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. 

काबुल पर अफगानिस्तान के कब्जे के बाद अमेरिकी की तरफ से हो रही देरी को लेकर भी सहयोगी देश सतर्क हैं. विदेश राजनयिकों ने वॉशिगंटन में कहा कि सहयोग ही इस बैठक का मुख्य उद्देश्य होगा. यूरोपियन डिप्लोमैट ने कहा कि जी7 के नेता इस बात पर सहमति जताएंगे कि तालिबान पर फैसला के दौरान आपसी सहयोग का ध्यान रखा जाएगा और सहयोगी देश साथ मिलकर काम करेंगे.

अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और जापान के नेता तालिबान को महिलाओं के अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का सम्मान करने के लिए जोर देने पर के लिए संगठित आधिकारिक मान्यता या नए प्रतिबंधों का उपयोग कर सकते हैं.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जी7 वार्ता के दौरान एक संगठित दृष्टिकोण पर जोर देंगे जिसमें नाटो महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल होंगे. ब्रिटेन की राजनयिक कारेन पियरसे ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि  हम एक क्लियर प्लान विकसित करने की तरफ बढ़ रहे हैं ताकि हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर संगठित और सही फैसला ले सकें. हम तालिबान को उसके काम से जज करेंगे बातों से नहीं.

Advertisement

अमेरिका के 31 अगस्त तक के डेडलाइन पर भी चर्चा

जी7 के नेताओं के बीच 31 अगस्त को खत्म हो रही डेडलाइन पर भी चर्चा की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को कुछ दिन और बनाए रखने की मांग की जाएगी जिससे अफगानिस्तान में मौजूद पश्चिमी देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके. ब्रिटेन और फ्रांस अतिरिक्त समय की मांग कर रहे हैं, वहीं तालिबानियों का कहना है कि विदेशी सेनाओं ने एक्सटेंशन के लिए नहीं कहा है और अगर ऐसे होता भी है तो अनुमति नहीं दी जाएगी.

शरणार्थियों को लेकर भी चर्चा

जी7 के नेता बैठक में अफगानी शरणार्थियों पर प्रतिबंध या उनके पुनर्वास पर फैसले पर भी आपसी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध होंगे. जी7 मौजूदा स्थिति का जायजा ले रहा है और आगे मानवीय आधारों पर फैसले लिए जाएंगे. ब्रिटेन की राजनयिक ने कहा कि हम नहीं चाहते कि अफगानिस्तान आतंक को पनाह देने वाला देश बने और यहां की धरती आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाए.

 

Advertisement
Advertisement