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विश्व

सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक बोलीं- अगला टारगेट कैंसर

Ozlem Tureci
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कोरोना की बेहद सफल वैक्सीन बनाने वाली जर्मन कंपनी बायोएनटेक की को-फाउंडर ओजलेम टुरेसी ने कहा है कि उनका अगला टार्गेट कैंसर है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, टुरेसी ने कहा कि हमारे पास mRNA तकनीक पर आधारित कैंसर की कई वैक्सीन हैं. हमें उम्मीद है कि कुछ ही साल में कैंसर की वैक्सीन लोगों के लिए तैयार हो जाएगी.

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बता दें कि बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन mRNA यानी नई तकनीक पर आधारित है. बायोएनटेक इस वैक्सीन का उत्पादन फाइजर कंपनी के साथ मिलकर कर रही है. इसलिए इसे फाइजर की वैक्सीन भी कहा जा रहा है. फाइजर की वैक्सीन दुनिया के सबसे अधिक देशों में इस्तेमाल की जा रही हैं और इसकी सफलता की दर 95 फीसदी बताई गई है. 

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टुरेसी ने अपने पति के साथ मिलकर बायोएनटेक कंपनी खड़ी की थी. कोरोना वैक्सीन तैयार करने से पहले वह ऐसी दवा तैयार करने पर काम कर रही थीं जो बॉडी के इम्यून सिस्टम को ट्यूमर से लड़ने के लिए तैयार कर सके. इसी दौरान एक दिन उन्हें चीन में कोरोना वायरस फैलने की खबर मिली और उन्होंने फैसला किया वे अपनी नई तकनीक का इस्तेमाल कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए करेंगे. 

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टुरेसी करीब दो दशक से mRNA तकनीक पर काम कर रही थीं. इसी रिसर्च की बदौलत उन्होंने कम समय में कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली. अब तक दुनिया में करोड़ों लोगों को यह वैक्सीन दी जा चुकी है. ब्रिटेन ने सबसे पहले फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी थी और फिर अमेरिका ने भी इसे एप्रूव कर दिया था. 

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कम समय में ही कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता मिलने की वजह से बायोएनटेक कंपनी का प्रोफाइल बड़ा हो गया है. अब कंपनी अपने मूल लक्ष्य यानी कैंसर का इलाज ढूंढने के लिए अधिक फंड मुहैया करा सकती है. 

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