कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप के मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का एक और आपराधिक रिकॉर्ड सामने आया है. अप्रैल 2025 में टीएमसीपी नेता मोनोजीत मिश्रा को कस्बा पुलिस स्टेशन ने एक पुलिसकर्मी पर हमला करने और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
सूत्रों का दावा है कि 13 अप्रैल को मनोजीत मिश्रा लॉ कॉलेज के पास साउथ कोलकाता के कस्बा इलाके में स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम से पैसे निकालने गए थे. वहां, एटीएम सिक्योरिटी गार्ड के साथ उसकी बहस हो गई क्योंकि वह कथित तौर पर सिगरेट पकड़े हुए एटीएम रूम में घुसा था.
जब उसे सिक्योरिटी गार्ड ने रोका, तो उसने कथित तौर पर गार्ड पर हमला किया और उसे बुरी तरह से गाली दी. मनोजीत मिश्रा द्वारा हमला किए जाने के बाद, गार्ड ने पुलिस कंट्रोल रूम को 100 नंबर पर कॉल किया और पुलिस से मदद मांगी. उसके कॉल का जवाब देते हुए, एक पीसीआर वैन कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गई.
पुलिस स्टेशन में तोड़-फोड़ और गाली-गलौच
सूत्रों के मुताबिक, जब पेट्रोलिंग वैन आरोपी मनोजीत मिश्रा को पकड़ने के लिए वहां पहुंची, तो कथित तौर पर वह पुलिस के साथ उलझ गया और पुलिस वाहन की विंडशील्ड तोड़ दी. कथित तौर पर मनोजीत ने पेट्रोलिंग वैन के प्रभारी कोलकाता पुलिस के सहायक उप निरीक्षक की पिटाई की.
इस घटना के बाद पुलिस ने मोनोजीत को हिरासत में लेकर कानूनी कार्यवाही के लिए कस्बा पुलिस स्टेशन ले गई. सूत्रों का दावा है कि पुलिस स्टेशन ले जाने के तुरंत बाद मोनोजीत ने वहां आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी और पुलिस कर्मियों के साथ गाली-गलौज की. इसके बाद उसे ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी पर हमला करने और पुलिस को ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में कस्बा पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने गिरफ्तार कर लिया. अगले दिन 14 अप्रैल को पुलिस ने मोनोजीत को अलीपुर कोर्ट में पेश किया और हिरासत में लेने की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट से उसे जमानत मिल गई.
यह भी पढ़ें: कोलकाता गैंगरेप: आरोपियों ने पहले ही बनाई थी वारदात को अंजाम देने की योजना, देखें खुलासा
कई और भी आरोप...
25 जून की शाम को साउथ कोलाकात लॉ कॉलेज के अंदर 24 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप क्रूरता का एक अलग मामला नहीं था, बल्कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के इर्द-गिर्द कई साल से चल रही बेखौफ हरकतों का नतीजा था. पूर्व छात्र और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के नेता मिश्रा ने संस्थान के अंदर लंबे वक्त तक सत्ता और संरक्षण का आनंद लिया, बावजूद इसके कि उसके खिलाफ उत्पीड़न और छेड़छाड़ से लेकर मारपीट और चोरी तक के कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें से कई के लिए पुलिस ने औपचारिक आरोप-पत्र भी दाखिल किए थे.
मनोजीत मिश्रा को साल 2017 में कालीघाट इलाके में हिंसा के लिए गिरफ्तार किया गया था. साल 2019 में उस पर उसी यूनियन रूम के अंदर एक महिला पर हमला करने का आरोप लगाया गया, जहां इस महीने कथित अपराध शुरू हुआ था. पुलिस ने उस मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया था.
उसी साल, उस पर नए साल की पूर्व संध्या पर एक दोस्त के घर से निजी सामान चुराने का भी आरोप लगा था. इसके बाद और भी आरोप लगे, जिनमें 2022 में कस्बा में छेड़छाड़ और 2024 में कॉलेज परिसर में एक सुरक्षा गार्ड पर हमला शामिल है. कॉलेज अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों पर हमले के बाद ही औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, लेकिन मिश्रा को परिसर से बाहर करने के लिए कोई संस्थागत कार्रवाई नहीं की गई.