
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेदिनीपुर जिले के दीघा शहर में बने नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर का सोमवार (28 अप्रैल) को निरीक्षण किया. अक्षय तृतीया के मौके पर मुख्यमंत्री मंदिर का उद्घाटन करेंगी. यह मंदिर ओडिशा में बने 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है. बंगाल में यह मंदिर कलिंग वास्तुकला स्टाइल के आधार पर राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया गया. बंगाल सरकार को उम्मीद है कि इससे इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी.
मंदिर की विशेषताएं
बंगाल के दीघा में बना जगन्नाथ मंदिर 20 एकड़ में फैला है. जिसे 250 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया. 800 से ज्यादा राजस्थान के शिल्पकार इस प्रोजेक्ट में काम किया, और अपनी मंदिर निर्माण कला का शानदार प्रदर्शन किया.
मंदिर परिसर में भोग मंडप, नटमंदिर, जगमोहन और गर्भगृह, जटिल नक्काशी और देवताओं की मूर्तियों लगाई गई हैं. एक 34 फीट ऊंचा, 18 मुख वाला अरुण स्तंभ काले पत्थर से बना है, जिसके ऊपर अरुण देवता की मूर्ति स्थापित की गई है.
बंगाल में बनी जगन्नाथ मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर के स्टाइल पर ही बना है. इस मंदिर में सिंहद्वार, व्याघ्रद्वार, हस्तिद्वार और अश्वद्वार बनाए गए हैं.
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क्या है इस मंदिर के निर्माण की कहानी?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 में मंदिर के निर्माण की घोषणा की थी, साथ ही जमीन का चयन खुद ही किया. हालांकि, कोविड-19 की वजह से प्रोजेक्ट में देरी हुई. लेकिन अब मंदिर बनकर तैयार हो गया और इसका उद्घाटन 30 अप्रैल को होगी.
पर्यटन और तीर्थाटन का नया केंद्र
इस मंदिर की वजह से दीघा में पर्यटक को बढ़ावा मिलेगा. ममता सरकार को उम्मीद है कि यह महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनेगा और बढ़ी संख्या में लोग यहां आएंगे.