पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक बार फिर आगजनी की घटना सामने आई है. यहां धूलियान इलाके की एक दुकान में आग लगी है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बुधवार तड़के दुकान में जानबूझकर आग लगाई गई है. सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और घटना के बारे में जानकारी जुटाई है.
जानकारी के मुताबिक, मुर्शिदाबाद के धूलियान बाजार में एक कॉस्मेटिक्स की दुकान में आग लग गई. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस दुकान में आज तड़के आग लगाई गई है.
प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने का अंदेशा है. फिलहाल, मामले में जांच की जा रही है.
जंगीपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, शमशेरगंज से हिंसा की एक ताजा घटना को लेकर एक खबर प्रसारित की गई है. हालांकि जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि यह घटना 16 अप्रैल को धूलियान की एक दुकान में आग लगने से हुई थी, जो कि पूरी तरह से एक एक्सीडेंट थी. यह घटना शमशेरगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस घटना का कोई संबंध हिंदू-मुस्लिम विवाद से नहीं है. कृपया अफवाह ना फैलाएं और इससे दूर रहें.
जंगीपुर के एसपी आनंद रॉय ने कहा, जहां तक दुकान में आग लगने की बात है, शुरुआती जांच में पता चला है कि यह शॉर्ट सर्किट का मामला है. बाहर से कोई जबरन प्रवेश नहीं किया गया. कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है. स्थानीय निवासियों की एक बड़ी टीम आज वापस आ रही है. उनके पहुंचने के बाद हम आपको सही संख्या बताएंगे. मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं जो चले गए हैं, कृपया वापस आ जाएं, अब हालात सामान्य हैं.
बताते चलें कि मुर्शिदाबाद में 11 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. हिंसा की लपटों में ये शहर जल उठा था. चार दिन बाद यहां सन्नाटा पसरा है. पुलिस, बीएसएफ और सीआरपीएफ का पहरा है. सड़कों पर लोग जवान ज्यादा दिख रहे. मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में हिंसा का शिकार हुए लोग अब इंसाफ मांगने थाने के बाहर खड़े हैं.
मुर्शिदाबाद एक मुस्लिम बहुल जिला है. मुर्शिदाबाद हिंसा में सबकुछ गंवाने वाले लोग सुरक्षा के साथ मुआवजा भी चाहते हैं. क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इस हिंसा में अपना सबकुछ गंवा चुके हैं. अब ये सुरक्षा की गुहार लगा रहे.
मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में कई परिवार अपना सब कुछ गंवा चुके हैं. सदमा इतना गहरा है कि उसे भरने में वक्त लगेगा. लोगों को ढांढस बंधाने के नाम नेताओं का आना भी यहां जारी है. शमशेरगंज में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ितों से मुलाकात की. हिंसा के बाद मालदा में सैकड़ों लोग स्कूल में रहने को मजबूर हैं. हिंसा में मारे गए गोविंद दास एवं चंदन दास के परिजनों ने झारखंड के साहिबगंज में शरण ली है. 13 परिजनों ने साहिबगंज के राजमहल में शरण ली हैं.