वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के भदवर इलाके में स्थित एक जिम के बेसमेंट से दो करोड़ रुपये की कीमत वाली 93 हजार कोडीन युक्त अवैध कफ सिरप बरामद की गई. यह कार्रवाई ANTF लखनऊ, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने की. यह सिरप जिम संचालक और प्रधानपति महेश सिंह की बिल्डिंग में छिपाकर रखी गई थी. छापेमारी के दौरान महेश मौके से फरार हो गया, जबकि आज़ाद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया.
जांच में पता चला कि लेबोरेट और एबोट कंपनी की यह कफ सिरप हिमाचल प्रदेश के सोलन में निर्मित है. यह खेप गाजियाबाद से चंदौली भेजी जा रही थी, जहां से इसे पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में खपाया जाना था. पुलिस ने बताया कि कुल 150 गत्तों में पैक इस सिरप का उपयोग नशे के तौर पर होने की आशंका है, क्योंकि इसकी बड़ी मात्रा में स्मगलिंग हो रही थी.
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पहले भी पकड़ा गया था ऐसा ही बड़ा जखीरा
गाजियाबाद में हाल ही में बड़ी मात्रा में अवैध कोडीन सिरप पकड़े जाने के बाद यूपी पुलिस और FSDA की टीम लगातार ऐसी तस्करी पर नजर बनाए हुए हैं. उसी क्रम में ANTF को सूचना मिली कि वाराणसी में टाइटन जिम के नीचे करोड़ों का माल स्टोर कर बाहर भेजने की तैयारी चल रही है. सूचना की पुष्टि होते ही टीम मौके पर पहुंची और तहखाने में 93 हजार शीशियां मिलीं.
छापेमारी में खुला बड़े नेटवर्क का लिंक
टीम के अनुसार जिम संचालक महेश सिंह का बेसमेंट इस स्टोरेज का केंद्र था. आज़ाद, जिसे मौके से पकड़ा गया, सिरप की अनलोडिंग का काम करता था. एबोट ब्रांड की बरामद सिरप एक्सपायर पाई गई, जबकि लेबोरेट ब्रांड की 75 हजार शीशियां सही हालत में मिलीं. बिल की जांच में पता चला कि ये सिरप एनआर फार्मा गाजियाबाद ने सिंह मेडिको, चंदौली के नाम जारी की थी.
भंडारण में भारी अनियमितताएं
DCP वरुणा प्रमोद कुमार ने बताया कि छापेमारी के दौरान भंडारण के नियमों का पालन नहीं किया गया था. कफ सिरप के बैच नंबर बिल से मेल नहीं खा रहे थे. मामले में विस्तृत जांच जारी है और महेश सिंह की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा दी गई हैं. पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क काफी संगठित तरीके से काम कर रहा था.
ओवरडोज लेकर होता है नशे में इस्तेमाल
FSDA के ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश द्विवेदी ने बताया कि कफ सिरप खांसी की दवा के रूप में उपयोग होती है, लेकिन इसका ओवरडोज नशे के लिए लिया जाता है. छापेमारी के दौरान किसी भी तरह का लाइसेंस प्रस्तुत नहीं किया गया. भारी मात्रा में रिकवरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई जारी है.
मामले में मुकदमा दर्ज, नेटवर्क की कड़ियां तलाश रही टीम
पुलिस ने बताया कि इस अवैध माल की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है. टीम अब यह भी खंगाल रही है कि इससे पहले कितनी खेपें भेजी जा चुकी हैं और नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है. पुलिस और ANTF का कहना है कि प्रदेश में नशे के इस काले कारोबार पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.