उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने एक बड़ा खुलासा किया है. जो बैंक से कार लोने लेकर लग्जरी कारें खरीदते थे. फिर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर लोन खत्म करवाते थे. फिर RTO के कर्मचारियों और दलालों की मदद से उस कार अन्य ने नाम ट्रांसफर कर बेच देते थे. इस मामले में एसटीएफ ने गैंग के मास्टरमाइंड शुभम मिश्रा को सात लग्जरी गाड़ियों के साथ गिरफ्तार किया.
यूपी एसटीएफ को शक है कि गैंग में आरटीओ और बैंक के भी कर्मचारी मिले हैं. इनका कारोबार अन्य शहरों में भी फैले होने की आशंका है. एसटीएफ अब शुभम से पूछताछ करने में जुटी है.
लग्जरी कारों को खरीदकर फर्जीवाड़ा कर बेचने वाला आरोपी अरेस्ट
एसटीएफ को आरोपी शुभम ने बताया कि वो पहले अपने साथियों के नाम पर अलग-अलग जिलों में चार लग्जजरी गाडियों बैंक से फाइनेंस करता था, उसके बाद गाड़ियों की आधी किश्त जमा करने के बाद रोक देता था. फिर मालिक का डेथ सर्टिफिकेट बनवा कर बैंक लोग को एनपनीए घोषित करवा देता था.
इसके बाद उसका सेटलमेंट कराकर किसी अन्य के नाम ट्रांसफर कराता था. आरोपी के पास से 7 गाड़ियों बरादम हुईं हैं. बताया जा रहाहै कि इन गाड़ियों को बाराबंकी के अफसर और नेता इस्तेमाल कर रहे थे. एसटीएफ इसे बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रही है. आरोपी शुभम धोखाधड़ी से लाखों रुपये काम रहा था.
STF ने आरोपी के पास से 7 लग्जरी गाड़ियां बरामद की
इस मामले पर STF का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि लग्जरी गाड़ियों के फर्जी पेपर बनवा कर उन्हें दूसरों के नाम पर ट्रांसफर करने का धंधा किया जा रहा था. इन अपाधियों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया और मुख्य आरोपी शुभम मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. अब उससे पूछताछ की जा रही है.