यूपी के इटावा में यादव कथावाचकों के साथ बदसलूकी के मामले में सियासत शुरू हो गई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आरोपियों के खिलाफ एक्शन न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. जिसके बाद अब इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने रिएक्ट किया है. उन्होंने कहा कि इटावा में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन तुरंत कार्रवाई भी की गई है. आरोपियों पर FIR दर्ज करने के साथ उनकी गिरफ्तारी हुई है.
बकौल मंत्री कपिल देव- अखिलेश यादव को इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए. किसी आंदोलन की आवश्यकता नहीं है, न चेतावनी देने की जरूरत है, क्योंकि पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई है. पिछली सरकारों की तरह योगी सरकार नहीं है, जहां ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं होती थी. अखिलेश को इस घटना को पीडीए से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. वह हर चीज में पीडीए ले आते हैं.
कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि इटावा का मामला पीडीए का मसला नहीं है, ये सामाजिक विद्वेष का विषय है. जिसपर पुलिस-प्रशासन अपना काम कर रहा है. दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा.
इससे पहले इटावा कांड को लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा था- इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई. हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुध्द किया गया अपराध है. सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे. पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं.
दरअसल, जिले के थाना बकेवर क्षेत्र के गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव के साथ ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने बदसलूकी की थी. लोगों ने उनकी चोटी और बाल काट दिए थे. जातिसूचक शब्द कहते हुए वीडियो भी बनाया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें फर्जी कथावाचक बताकर बंधक बनाया गया, संत कुमार के चोटी और बाल काटे गए और एक महिला से जबरन पैर छुआए गए. इसके साथ ही हारमोनियम भी तोड़ दिया गया और उन पर मानव मूत्र का छिड़काव किया गया.