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UP: अब भाई-बहन ने लिए 7 फेरे, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फिर फर्जीवाड़ा

यूपी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां अनुदान की राशि और गृहस्थी के सामान के लालच में बिचौलियों ने भाई और बहन के बीच सात फेरे करा दिए. जब ये मामला सामने आया तो बीडीओ ने सामान को वापस मंगवा लिया. उन्होंने कहा कि शादी के बाद मिलने वाले रुपये भी नहीं दिए जाएंगे.

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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा! (सांकेतिक फोटो)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा! (सांकेतिक फोटो)

यूपी के महराजगंज जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है. सरकार की ओर से शादी के बाद मिलने वाली राशि और गृहस्थी के सामान के लालच में बिचौलियों ने भाई और बहन के बीच फेरे करवा दिए. इसकी जानकारी होने पर अधिकारियों में हड़कंप मच गया. 

इस मामले की जानकारी सामने आने पर क्षेत्र विकास अधिकारी (BDO) ने विवाह में दिया गया गृहस्थी का सामान वापस मंगवा लिया है. साथ ही अनुदान के रूप में दी जाने वाली 35 हजार रुपये की राशि के भुगतान पर भी रोक लगाने की सिफारिश की है.  

बता दें कि बीते 5 मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 38 जोड़ों की शादी हुई थी. इसमें लक्ष्मीपुर क्षेत्र के एक गांव की युवती का भी रजिस्ट्रेशन कराया गया था.  

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एक साल पहले ही हो चुकी युवती की शादी 

बताया जा रहा है कि युवती की शादी एक साल पहले ही हो चुकी है और उसका पति कमाने के लिए घर से बाहर गया हुआ है. इसके बाद भी बिचौलियों ने युवती को शादी के लिए फिर से तैयार कर लिया, लेकिन जिस लड़के को बुलाया गया था वो नहीं आया. इसके बाद बिचौलियों ने अनुदान राशि में मिलने वाले कमीशन के लिए युवती और उसके भाई के बीच ही फेरे करवा दिए.  

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गृहस्थी का सामान वापस मंगवा लिया: BDO 

लक्ष्मीपुर के बीडीओ अमित मिश्रा ने बताया कि बीते 5 मार्च को हुए सामूहिक विवाह समारोह में एक युवती की फर्जी तरीके से उसके भाई के साथ फेरे कराने का मामला सामने आया है. शुरुआती जांच के बाद योजना के तहत दिया गया सारा सामान वापस मंगवा लिया गया है. अनुदान को रोकने की सिफारिश की गई है. इस मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.  

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जिलाधिकारी ने इस मामले में क्या बताया? 

वहीं डीएम अनुनय झा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह में भाई-बहन के बीच सात फेरे को लेकर अभी भी कोई शिकायत नहीं आई है. मामले की जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. 

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झांसी में भी हुआ था फर्जीवाड़ा 

इससे पहले झांसी में आयोजित हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में भी फर्जीवाड़ा सामने आया था. बुंदेलखंड महाविद्यालय में हुए सामूहिक विवाह में 96 जोड़ों ने शादी की थी. हालांकि यहां किसी दुल्हन ने खुद से ही मांग भर ली तो कई जोड़ों ने सात फेरे ही नहीं लिए थे. 

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बलिया में भी हुआ था फर्जीवाड़ा 

झांसी से पहले बलिया में सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया था. यहां 25 जनवरी को 537 जोड़ों की शादी कराई गई थी, लेकिन इसमें दर्जनों जोड़े नकली निकले थे. किसी की पहले ही शादी हो चुकी थी, तो कोई पैसे देकर लाया गया था. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कई दुल्हनें खुद को ही वरमाला डालती हुई दिखाई दी थीं. इस मामले में डीएम के निर्देश पर केस दर्ज कर 15 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था. 

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