Uttar Pradesh News: उन्नाव के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र में एक मकान मालिक ने रिक्शा चालक विनोद कुमार के शव और उनकी पत्नी अनिता को घर से बाहर निकाल दिया. किराए के बकाया पैसे न दे पाने के कारण यह अमानवीय कार्रवाई की गई. विनोद की मृत्यु कानपुर के हैलट अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी. संतानहीन और परिवार से कटे हुए इस दंपत्ति के पास अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं थे. सूचना मिलते ही नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि संदीप पांडेय और सभासद रोहित ने मौके पर पहुंचकर अंतिम संस्कार करवाया. मोहल्ले के संजय सिंह ने मुखाग्नि देकर इंसानियत की मिसाल पेश की.
बीमारी और गरीबी ने तोड़ी कमर
हरदोई के रहने वाले 60 वर्षीय विनोद कुमार अपनी पत्नी अनीता के साथ शुक्लागंज के इंदिरा नगर में किराए पर रहते थे. विनोद रिक्शा चलाकर गुजारा करते थे, लेकिन एक हफ्ते पहले उनकी तबीयत खराब हो गई.
आर्थिक तंगी के बावजूद अनीता ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, मगर बुधवार को उनकी जान चली गई. जब बेबस पत्नी पति का शव लेकर घर लौटी, तो मकान मालिक ने संवेदना दिखाने के बजाय बकाया किराए के लिए उन्हें सामान सहित सड़क पर खड़ा कर दिया.
पड़ोसी ने दी मुखाग्नि, जगाई उम्मीद
इस कठिन घड़ी में समाज का मानवीय चेहरा भी नजर आया. विनोद और अनीता की कोई संतान नहीं थी, ऐसे में मोहल्ले के ही संजय सिंह ने आगे बढ़कर शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली. उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ कर्मकांड किया और मुखाग्नि दी. स्थानीय लोग संजय सिंह के इस निस्वार्थ कार्य की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं. वहीं, प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला को तुरंत राहत पहुंचाने का कार्य शुरू किया.
मदद के लिए बढ़े हाथ, मिला नया आशियाना
नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि संदीप पांडेय ने बताया कि अनीता की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है. उन्होंने महिला को नया कमरा दिलवाया और उसका 6 महीने का अग्रिम किराया भी जमा कर दिया है. इसके अलावा, एक महीने का राशन और मेडिकल ट्रीटमेंट की सुविधा भी दी गई है.पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद महिला को रोजगार दिलाने का वादा किया गया है. पुलिस का कहना है कि अभी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.