समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इसराइल आटे वाला और मोहम्मद शरीफ को एमपीएमएल कोर्ट ने 7 साल की सजा के साथ 30 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया. महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेशी हुई. बता दें, नजीर फातिमा नाम की महिला ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में घर कब्जा करने की मंशा से आगजनी करने का मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें विधायक समेत कुल 12 लोग अभियुक्त बनाए गए थे.
इस मामले में कोर्ट ने पांच आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई है और आरोपियों पर तीस हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया. जिसका चालीस प्रतिशत पीड़ित नजीर फातिमा को मिलेगा. 1 मार्च को सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 14 मार्च की तारीख तय की थी. लेकिन अलग-अलग कारणों से फैसला टलता रहा. इस बीच कोर्ट ने दोबारा दोनों पक्षों से लिखित बहस दाखिल करने को कहा था.
सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसे भाई को 7 साल की सजा
पहले दस बार अलग अलग कारणों से कोर्ट में फैसला टला. ग्यारवीं बार ऑर्डर की तारीख लगाते हुए न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया और सभी आरोपियों दोषी करार दिया. सीसामऊ क्षेत्र से सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत उनके छोटे भाई रिजवान सोलंकी, शौकत अली, मो. शरीफ और इसराइल आटे वाला पर इरफान की पड़ोसी नजीर फातिमा ने प्लॉट पर कब्जा करने की नीयत से आगजनी करने का आरोप लगाया था.
08 नवंबर 2022 की घटना की एफआईआर दर्ज होने के बाद सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी फर्जी आधार कार्ड बनवाकर फरार हो गए थे. बाद में आत्मसमर्पण करने के बाद दो सालों से विधायक महराजगंज जेल में बंद हैं. जबकि अन्य आरोपी कानपुर जेल में कैद हैं. आगजनी की घटना में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शहर के कई थानों में सपा विधायक के खिलाफ 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे.
महिला के घर में आग लगाकर कब्जा करने का है आरोप
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि 7 नवंबर 2022 को उसका परिवार भाई की शादी में गया था. तभी रिजवान सोलंकी, इसफान सोलंकी और उनके साथियों ने घर में आग लगा दी थी. ऐसा सोची समझी साजिश के तहत किया गया था. जिससे पीड़ित परिवार डर कर भाग जाए और आरोपी उनके घर पर कब्जा कर लें.
आग में घर का पूरा सामान जलकर राख हो गया था. जांच के दौरान पुलिस के सामने आया कि शौकत, शरीफ और इजराइल आटे वाले, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन, एजाजुद्दीन, मो. एजाज, मुर्सलीन भोलू, शकील चिकना भी इस साजिश में शामिल थे. जिसके चलते सभी को आरोपी बनाया गया. सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसका भाई रिजवान समेत सभी आरोपी मौजूदा समय में जेल में हैं.
इरफान सोलंकी पक्ष के वकील करीम सिद्घी का कहना है कि वह कोर्ट के आदेश इससे बिलकुल संतुष्ट नहीं है, अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया है कि जिस जगह आग लगी वहां नजीर फातिमा रह रही थीं. हमने नगर निगम और अन्य सरकारी रिकॉर्ड लगाए हैं लेकिन कोर्ट ने उसे ना मानते हुए ये फैसला सुनाया है. जिसके खिलाफ हम जल्द ही हाईकोर्ट जाएंगे.
इरफान के वकील फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील
इस मामले पर डीजीसी क्राइम दिलीप अवस्थी ने कहा कि दो साल से ज्यादा केस चला. इनकी विधायकी जाना तय है और इसके लिए वह जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे. ताकि वह आगे विधानसभा स्पीकर को सूचित कर सकें. वहीं विधायक इरफान लंकी के भाई रिजवान सोलंकी ने कहा कि 1996 से इस सीट पर हमारा परिवार विधायक है. इससे पहले पिताजी विधायक थे हमें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है. हम बेगुनाह है और हाईकोर्ट में हमें इंसाफ मिलेगा.