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न्याय की आस में कोर्ट पहुंची रेप पीड़िता, आरोपी के वकील ने बहाने से बुलाकर किया दुष्कर्म

आगरा में एक वकील ने 24 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को समझौते के बहाने होटल में बुलाकर दुष्कर्म किया. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी वकील जितेंद्र सिंह उर्फ जितेंद्र धाकरे को गिरफ्तार किया. फरारी के दौरान आरोपी ने छत से कूदकर भागने की कोशिश की, जिससे उसका पैर टूट गया. आरोपी पर BNS की धारा 64(1) के तहत केस दर्ज किया गया है.

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आरोपियों के वकील ने रेप पीड़िता से किया दुष्कर्म (Photo: Representational Image)
आरोपियों के वकील ने रेप पीड़िता से किया दुष्कर्म (Photo: Representational Image)

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां एक 40 वर्षीय वकील ने उसी महिला के साथ दुष्कर्म किया, जो खुद एक बलात्कार पीड़िता थी और न्याय की उम्मीद में अदालत पहुंची थी. पुलिस ने आरोपी वकील को गिरफ्तार कर लिया है.

मामला औरैया जिले की 24 वर्षीय युवती से जुड़ा है. वह वर्ष 2022 में दर्ज एक यौन उत्पीड़न केस की सुनवाई के लिए आगरा आई थी. पुलिस के मुताबिक, आरोपी वकील जितेंद्र सिंह उर्फ जितेंद्र धाकरे उस पुराने मामले में आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहा था. उसने महिला को यह कहकर झांसा दिया कि वह समझौता कराने में मदद कर सकता है. इसी बहाने उसने महिला को अदालत परिसर से बाहर बुलाया और एक होटल में लेकर गया.

पीड़िता के अनुसार, रास्ते में वकील ने उसे शराब पिलाई और फिर होटल के कमरे में ले जाकर मारपीट की. इसके बाद उसने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. किसी तरह पीड़िता वहां से निकल पाई और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64(1) (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया.

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आगरा पुलिस की टीम ने तुरंत आरोपी की तलाश शुरू कर दी. रविवार देर रात छापेमारी के दौरान जब पुलिस जितेंद्र धाकरे के घर पहुंची तो उसने फरार होने के प्रयास में पड़ोसी की छत से छलांग लगा दी. इस दौरान उसका पैर टूट गया. पुलिस ने घायल आरोपी को मौके पर ही दबोच लिया और इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जांच में होटल के CCTV फुटेज और अन्य साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. फिलहाल पुलिस ने बताया कि यह मामला पूरी तरह पुलिस प्रेस नोट पर आधारित है और अधिकारी फिलहाल मीडिया को बयान देने से बच रहे हैं. यह घटना समाज के उस चेहरे को उजागर करती है, जहां कानून की रक्षा करने वाला ही कानून तोड़ने वाला बन जाता है.
 

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