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इटावा में कथावाचक से बदसलूकी पर सियासत तेज, एक तरफ सपा और यादव महासभा तो दूसरी तरफ ब्राह्मण महासभा, जानिए किसने क्या कहा

इटावा के दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत सिंह यादव से बदसलूकी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर जहां इस मामले में राजनीति तेज हो गई है, वहीं दूसरी ओर जातीय गोलबंदी भी शुरू हो गई है.

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इटावा कथावाचक बदसलूकी केस में सियासत तेज
इटावा कथावाचक बदसलूकी केस में सियासत तेज

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत सिंह यादव से बदसलूकी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर जहां इस मामले में राजनीति तेज हो गई है, वहीं दूसरी ओर जातीय गोलबंदी भी शुरू हो गई है. कथावाचकों के सम​र्थन में समाजवादी पार्टी और यादव महासभा के उतरने के बाद अब ब्राह्मण महासभा ने भी मोर्चा खोल दिया है. 

ब्राह्मण महासभा का कहना है कि यादव कथावाचकों के साथ को कुछ हुआ वो गलत था, लेकिन उनपर भी गंभीर आरोप लगे हैं, उसकी जांच होनी चाहिए. एकतरफा कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बीते मंगलवार को यूपी ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अरुण दुबे ने इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ एक पक्ष को सुना गया था, अब दूसरे पक्ष ने पुलिस के सामने अपनी बात रखी है. पुलिस ने गंभीरता से हमारी बात सुनी और जांच के बाद एक्शन लेने की बात कही. पांच दिन का समय दिया गया है. 

अरुण दुबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अपनी मांग पर डटे रहेंगे कि दोनों पक्ष के आरोपियों को सजा दी जाए. एकपक्षीय कार्रवाई न की जाए. अगर की गई तो हम आंदोलन करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि ये मामला जातिगत नहीं था, सपा ने इसे जातिगत बना दिया. कथा तो कोई भी कह सकता है, हम भी सुनने जाते हैं. लेकिन कथा की आड़ में गलत हरकत करोगे तो कोई कैसे बर्दाश्त करेगा. जिन लोगों ने पूरे मामले को जाति वाला एंगल दिया, उन्होंने इसकी सच्चाई पता करने की कोशिश नहीं की. 
 
बकौल अरुण दुबे- व्यास पीठ पर बैठने वाला कथावाचक अगर यदि किसी महिला का हाथ पकड़ेगा, उसपर गलत दृष्टि डालेगा, तो स्वाभाविक है लोगों में आक्रोश होगा. हालांकि, हम हिंसा का समर्थन नहीं करते. लेकिन भीड़ तंत्र के दबाव में पुलिस का एक्शन सिर्फ ब्राह्मण पक्ष पर होगा तो सहन नहीं किया जाएगा. 

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सपा नेता का बयान 

वहीं, इस मामले में इटावा के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने कहा कि घटना बहुत ही निंदनीय और दुखद है. ब्राह्मण समाज के लोगों को ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. समाज में जहर न घोलें. अगर कथावाचक यादव भी थे तो मारपीट का हक किसने दिया. क्या यादव हिंदू नहीं है. 'बंटोगे तो कटोगो' का नारा यहां नहीं चलेगा क्या. 

सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य

प्रदीप शाक्य के मुताबिक, विवाद के दो दिन बाद जो महिला पीड़ित कथावाचकों पर आरोप लगा रही है, वो पुलिस के दबाव में किया जा रहा है. ताकि मामले को बैलेंस किया जाए और सच्चाई को छिपाया जा सके. सबको पहले से पता था कि कथावाचक यादव हैं, फिर जाति पूछकर पिटाई की गई. ये सब साजिश के तहत हुआ. फिलहाल, अभी तक की पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट हैं, अब देखना होगा. 

उधर, अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने संगठन के पदाधिकारियों संग मिलकर दांदरपुर की घटना पर आक्रोश व्यक्त किया. इस बाबत उन्होंने  एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की.  

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गिरफ्तार आरोपियों के नाम- 

आशीष तिवारी (21), निवासी गांव दांदरपुर 
उत्तम अवस्थी (19), निवासी गांव दांदरपुर 
प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे (24), निवासी गांव दांदरपुर  
निक्की अवस्थी (30), निवासी गांव दांदरपुर (कथावाचक के साथी की बाल-चोटी काटने वाला).

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