माफिया मुख़्तार अंसारी के गुर्गे गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या से उपजी स्थितियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि दुर्दांत अपराधियों और वीवीआईपी आरोपियों की कोर्ट में पेशी के बजाए वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई की जानी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ऐसा करने के निर्देश देता है तो निर्दोषों की जान पर आए संकट को रोका जा सकता है. साथ ही लाखों रुपये के राजस्व की भी बचत हो सकती है. सरकारी खजाने में राजस्व के तौर पर जमाराशि को इन दुर्दांत अपराधियों और वीवीआईपी आरोपियों की आवाजाही के दौरान खर्च किया जाता है.
याचिका में कहा गया है कि इन अपराधियों की सुरक्षा में लगे राज्य सरकार और सुरक्षाकर्मियों को भी अन्यत्र उपयोग किया जा सकता है. इस नए प्रस्तावित इंतजाम से कोर्ट और प्रशासन का बेशकीमती समय की भी बचत हो सकती है.
जनहित याचिका दायर करने वाली अंजली पटेल ने अपनी याचिका के समर्थन में कई सारी घटनाओं का हवाला भी दिया है. इसमें संजीव जीवा की हत्या के साथ ही अतीक अहमद और अशरफ़ अहमद की हत्या के अलावा मदनगढ़ कोर्ट कॉम्पलेक्स में गोलीबारी, उत्तर प्रदेश के जौनपुर कोर्ट कॉम्पलेक्स में फ़ायरिंग, आगरा कोर्ट में पुलिस कांस्टेबल पर हमला, हापुड़ कोर्ट कॉम्पलेक्स में सुंदरभाटी गैंग के गुर्गे की गोली मार कर हत्या जैसी तमाम वारदातों का भी जिक्र है.
जनहित याचिका में कहा गया है कि यदि सुप्रीम कोर्ट दुर्दांत अपराधियों और वीवीआईपी आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से करने का निर्देश देता है तो जान-माल और वक़्त का बेजा खर्च नहीं होगा. इसके पहले भी याचिकाकर्ता अंजली पटेल ने दिल्ली की साकेत कोर्ट मे पिछले दिनों एक महिला को गोली मारे जाने की घटना के बाद अदालतों की सुरक्षा कड़ी किए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी, जिसपर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है.
कैसे हुई थी संजीव जीवा की हत्या?
लखनऊ की एक कोर्ट में बुधवार को शूटर विजय यादव ने संजीव जीवा की हत्या की थी. कोर्ट में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया था कि कोर्ट में भीड़ थी. जीवा सुनवाई का इंतजार कर रहा था. तभी एक शूटर आया और उस पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. संजीव जान बचाने के लिए अंदर भागा और वह 10 से 15 मिनट तक बेसुध पड़ा रहा. शूटर कह रहा था कि हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया. जीवा पर बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था, जिन्होंने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी.